इन लड़कियों का कारनामा देखकर आप भूल जाएंगे फिल्म 'Special 26', पुलिस भी हुई हैरान
जींद। आपने अक्षय कुमार की 'Special 26' फिल्म तो देखी ही होगी, जिसमें वह फर्जी अफसर बनकर छापा मारते हैं। ऐसा ही फिल्मी अंदाज वाला मामला रियल लाइफ में हरियाणा में सामने आया है, जहां दो युवतियां फेक इनकम टैक्स अधिकारी बनकर नकली रेड डालने के लिए एक ज्वेलर्स पर पहुंची थीं।
दरअसल, हैरान कर देने वाली यह घटना जींद शहर में बुधवार रात सर्राफा बाजार में हुआ। जहां रवि ज्वैलरी शोरूम पर दो युवतियां पहुंची थीं। उन्होंने अपने आप को इनकम टैक्स ऑफिसर बताकर गहनों का रिकॉर्ड ना होने और कागजों की जांच के बाद व्यपारी के खिलाफ कार्रवाई करने की धमकी दी। इसके बाद वह मामले को रफादफा करने के एवज में 1.50 लाख रुपए की डिमांड करने लगीं।
ज्वेलरी शॉप के मालिक रवि कुमार ने बताया कि दोनों ने युवतियों दुकान पर आईं और सबको बाहर निकालने लगीं। इस दौरान दोनों ने इनकम टैक्स विभाग का अपना आई कार्ड भी दिखाया। एक ने खुद को इनकम टैक्स विभाग का सहायक कमिश्नर तो दूसरी ने इंस्पेक्टर बताया। कहने लगीं कि वह दिल्ली से यहां आई हैं, तुम्हारे खिलाफ नकली गहने और बिना बिल के गहनों को बेचने की शिकायत मिली है। फिर उन्होंने शटर को बंद करवा दिया और दुकान में लगे सीसीटीवी को भी बंद करने के लिए कहा गया।
जैसे ही युवतियों ने कहा-अगर आप डेढ़ लाख रुपए दे देते हो तो हम कोई कार्रवाई नहीं करेंगे और मामला भी शांत हो जाएगा। बस इसी बात पर व्यपारी को शक हुआ और उसने अपने भाई को फोन कर पूरा मामला बताया। भाई ने फिर पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों युवतियों को हिरासत में लिया। युवतियों से पूछताछ जारी है वह कितने समय से यह काम कर रही हैं, कितने और लोगों को इस तरह अपने जाल में फंसाया है।
महिलाओं ने अपना परिचय नोएडा सेक्टर 57 निवासी दिल्ली आयकर विभाग इनवेस्टिगेशन ऑफिसर संजुक्ता पराशर तथा दूसरी महिला ने अपना पता चावड़ी बाजार दिल्ली निवासी इनवेस्टिगेशन ऑफिसर कशिश मल्होत्रा बताया। यहां तक कि पुलिस हिरासत में भी जब उनके द्वारा बताए गए इनकम टैक्स दिल्ली ऑफिस के नंबर पर संपर्क साधा तो दोनों को इनकम टैक्स विभाग का अधिकारी बताया।
जब मामले की गहनता से जांच हुई तो जिस नंबर पर पूछताछ के लिए फोन किया गया था वो भी गिरोह का निकला। पुलिस ने जब सख्ती से पूछताछ की तो दोनों ने अपनी पहचान मूलत: गांव निर्जन हाल आबाद कैथल निवासी स्वाति तथा बलबीर नगर शहादरा (दिल्ली) निवासी श्वेता वर्मा के रूप में बताई।
दोनों महिलाओं इनकम टैक्स अधिकारी जैसे असली आई कार्ड लिए हुए थी। इसके अलावा दिल्ली से छापेमारी का वारंट भी लिए हुए थे। बकायदा वारंट पर अधिकारी के हस्ताक्षर व मोहर लगी हुई थी। इसके बाद पुलिस ने उनके सीनियर अधिकारी का नंबर मांगा तो उसने एक नंबर दिया और सामने वाले ने उनको असली इनकम टैक्स अधिकारी बताया, लेकिन पुलिस को उसकी भी कहानी पर शक हुआ।
इसके बाद स्थानीय आयकर विभाग के अधिकारियों से संपर्क करके दिल्ली का नंबर मांगा। वहां से पता चला कि ऐसे कोई भी अधिकारी उनके पास नहीं है और जींद में उनकी टीम ने कोई छापेमारी नहीं की। इसके बाद पुलिस सख्त हुई। पुलिस पूछताछ में कई खुलासे हो सकते हैं। इससे पहले कितने लोगों को कहां-कहां शिकार बनाया। उनके साथ और कितने लोग जुड़े हैं।