गिरीश मालवीय
बैंकिंग फ्रॉड डिजिटल व्यवस्था के आने से बढ़ रहे है और RBI चेक भुगतान प्रणाली को सुरक्षित बनाने की पहल कर रहा है। ......अरे भाई पहले अपना डिजिटल पेमेंट सिस्टम सुधारो न ?
चेक से होने वाले फ्रॉड को रोकने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया नई व्यवस्था लागू कर रहा है इसे पॉजिटिव पे सिस्टम (Positive Pay system) कहा जा रहा है इसके तहत, 50 हजार रुपये या इससे ज्यादा की रकम का चेक जारी करते समय खाताधारक को चेक के बारे में बैंक को जानकारी देनी होगी.
इसके लिए खाताधारक को चेक नंबर, चेक डेट, पेई का नाम, खाता नंबर, रकम आदि डिटेल्स के साथ चेक के अगले और पिछले हिस्से की फोटो साझा करनी होगी. जब लाभार्थी चेक को इनकैश करने के लिए बैंक में जमा करेगा तो बैंक पॉजिटिव पे सिस्टम के जरिए पहले स प्राप्त डिटेल्स से चेक की डिटेल्स मैच करेगा. अगर डिटेल्स मेल खाएंगी तो ही चेक क्लियर होगा. कहा जा रहा है कि इससे चेक से संबंधित धोखाधड़ी रोकने में मदद मिलेगी। ....
जबकि हर साल फ्रॉड चेक से नहीं बढ़ रहे बल्कि ऑनलाइन पेमेंट व्यवस्था व्यवस्था अपनाने से बढ़ रहे है डिजिटल लेनदेन के चलते हो रहे है
बैंकों में पिछले तीन महीने के दौरान करीब 20 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है। जबकि 2 महीने लॉक डाउन में ही निकल गए तो साफ है अधिकतर फ्रॉड डिजिटल बैंकिंग में हो रहा है, चेक से पेमेंट वाली व्यवस्था में नही !
पिछले साल लोन फ्रॉड की कुल रकम 1.85 लाख करोड़ थी जिस तरह से लोगो को मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग के जरिए ऑनलाईन बैंकिंग की तरफ धकेला जा रहा है वही इस लाखो करोड़ की धोखाधड़ी की जिम्मेदारी है साल 2021 तक देश में डिजिटल लेनदेन चार गुना तक बढ़ने की उम्मीद है, यानी हमारे मेहनत से कमाए गए पैसो को इन डिजिटल ठगों के हवाले कर दिया गया हैं......नेट बैंकिंग के जरिए जालसाज आपके बैंक खाते तक आसानी से पहुंच जाते हैं.
क्या मोदी सरकार का पहला कर्तव्य यह नही है कि देश मे जल्द से जल्द नया साइबर लॉ लेकर आए जिसमे इन डिजिटल लुटेरों के लिए सख्त से सख्त सजा का प्रावधान हो लेकिन वह चेक से पेमेंट प्रणाली के पीछे पड़ी हुई है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग डिजिटल पेमेंट प्रणाली को अपनाए जिसमे सुरक्षा की कोई गारंटी नही है
सच तो यह है जब तक इस डिजिटल धोखाधड़ी से बच जाए अपने आपको लकी मानिए क्योंकि आपको बचाने के लिए कोई साइबर लॉ नही बनाया गया है
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