संघ की रणनीति को समझिए, संघ आपको मारता भी है और बचाने का ढोंग भी करता है...
Shakeeb Rahman
उसी ढोंग का पर्याय है विनय दुबे.....ये छुपा हुआ संघी है....याद करिये 15 अप्रैल को मज़दूरों को उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया जाता है लेकिन आसानी से छोड़ दिया जाता है...जबकि उसके पुराने वीडियो देखिए ...वो अमित शाह और मोदी को ललकारता हुआ देखा जा सकता है.....
आप कहेंगे महाराष्ट्र की सरकार बीजेपी की नहीं है इसलिए छोड़ दिया गया.....देश मे महामारी एक्ट लगा हुआ था जिसमे केन्द्र की शक्ति बहुत बढ़ जाती है.....अगर वो बीजेपी के लिए खतरा होता तो क्या बीजेपी उसे राजनीति के मंच पर कत्थक करने का इतना मौका देती ?
अगर केंद चाहता तो आसानी से उसे सीबीआई के हाथों गिरफ्तार करवा सकता था....लेकिन नहीं .....क्योंकि केन्द्र को भी पता है कि वो संघ का मोहरा है....करने दो उछल - कूद उसे....अन्ना आंदोलन को याद करिए.... संघ का खेला समझने में आसानी होगी...
डॉक्टर कफ़ील ने तो सिर्फ एक भाषण दिया था , वो भी बिना कोई कानून को तोड़े , तो देखिए कैसे उसे रगड़ने के लिए पूरा अमला लगा दिया गया ....रासुका तक लगा दिया गया....CAA विरोधी आंदोलनकारियों पर यूएपीए लगाया गया... विनय दुबे पर ये सब क्यों नहीं लगाया गया ?
याद रखिए...... ये संघ की बहुत ही पुरानी नीति है कि वो विरोधी खेमें में अपने प्यादे को बड़े ही चालाकी से लोगों को भरमा कर बैठा देता है....फिर जब सही वक़्त आता है....उस प्यादे के ज़रिए अपनी चाले चलता है....
रही बात ....डॉक्टर कफ़ील की रिहाई की .....तो ये उन लाखों इंसाफपसंद लोगों की कोशिशों का नतीजा है जिन्होंने डॉक्टर कफ़ील की रिहाई के लिए आवाज़ बुलंद की....किसी संघी दुबे के कारण नहीं....