अंधेरे में फिसलकर कुएं में जा गिरा युवक, 4 दिन बाद निकाला ...
दौसा। 'जाको राखे साइयां मार सके न कोय, बाल न बांका करि सके जो जग बैरी होय' यह कहावत राजस्थान के दौसा जिले के सदर पुलिस थाना इलाके भांडारेज मोड़ इलाके में चरितार्थ हुई है। यहां पर एक युवक चार दिन से सूखे कुएं में भूखा प्यासा पड़ा रहा। जिंदा बाहर निकलने के बाद युवक ने आपबीती बताई जिसे सुनकर पुलिस भी चौंक गई।
किसी के लिए भी यह चमत्कार से कम नहीं है कि 20 फीट की ऊंचाई से कुएं में गिरा 25 साल का युवक 4 दिन तक अंदर पड़ा रहा, फिर भी जिंदा बच गया। वो कई बार जान बचाने के लिए चिल्लाया, लेकिन किसी तक उसकी आवाज नहीं पहुंची। लेकिन उसने उम्मीद नहीं छोड़ी। आखिरकार ईश्वर ने उसकी सुन ली। समीप के घर में रहने वाले एक शख्स को कुएं से अजीब आवाजें सुनाई पड़ीं। झांककर देखा, तो होश उड़ गए।
जसौता गांव का रहने वाला महेंद्र कुमार बावरिया भांडारेज मोड़ पर खेतों की रखवाली करने जा रहा था। बारिश के कारण चारों तरफ पानी भरा हुआ था। रात का अंधेरा था और कीचड़ से बचने वो लकड़ी के सहारे आगे बढ़ रहा था, तभी पैर फिसले पर वो बिना मुंडेर वाले अंधे कुएं में जा गिरा।
रास्ता सुनसान होने से किसी को उसके कुएं में गिरने का पता नहीं चला। अचनाक समीप रहने वाले एक मूर्तिकार का परिवार छत पर गया। तभी उन्हें कुएं से आवाजें सुनाई पड़ीं। इसके बाद युवक के कुएं में गिरे होने का पता चला।
युवक ने पीने के लिए पानी और खाना मांगा। उन्होंने रस्सी की सहायता से युवक तक पानी और खाना पहुंचाया। फिर दौसा सदर थाना पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से रस्सी के जरिए उसे बाहर निकाला। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टर के मुताबिक कुएं में धूप नहीं होने और मौसम में नमी होने से युवक का पानी और खाने की कम जरूरत पड़ी। वहीं रिजर्व फेट ने उसकी एनर्जी बचा ली।