दो मुस्लिम लड़कियों ने की शादी, जानिए कौन बनी पत्नी और कौन बना पति
सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक संबंधों को अपराध (धारा-377) की श्रेणी से हटाकर भले ही उन्हें खुशियों की सौगात दे दी हो ,लेकिन समाज अभी भी इसे सही नजरिये से नहीं देखता और ना ही इसे मान्यता देता है।
तो वही बिहार के बेतिया में दो लड़कियां नगर थाने पहुंची और अपने को पति-पत्नी बताते हुए पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाने लगी। लड़कियों ने बतया कि उन्होने जालंधर के न्यायालय में समलैंगिक विवाह कर लिया है और दोनों एक-दूसरे के बगैर नहीं रह सकती हैं। लड़कियों का कहना था कि उनके परिवार वाले इस रिश्ते को मानने से इनकार कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घरवालों ने दोनों को समझाने का बहुत प्रयास किया लेकिन दोनों एक-दूसरे के साथ जीने-मरने को तैयार थीं। जिसके बाद घर वालों ने इसका विरोध किया। विरोध को देखते हुए दोनों लड़की नगर थाने पहुंची जहां उन्होने पुलिस से सुरक्षा की मांग की।
नगर थानाध्यक्ष राकेश कुमार भास्कर ने बताया कि नगमा और उसकी पत्नी इसरत को रामनगर स्थित उसके घर पर पुलिस की सुरक्षा में भेज दिया गया है। बता दें कोर्ट ने इस तरह के संबंध को मान्यता दे दी है, लेकिन सामाजिक स्तर पर अभी भी समलैंगिंक विवाह करने वाले लोगों के लिए राह आसान नहीं है।
दरअसल पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पत्नी के घरवालो से पूछताछ की तो उन्होंने ने अपनी बेटी से किसी भी तरह का रिश्ता रखने से इनकार कर दिया। फिर, पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के बीच लड़की को रामनगर स्थित उसके पति के घर पर भेज दिया।
बेतिया की रहने वाली इसरत के पिता हजरत ने बताया कि उनका परिवार जलंधर में रहता था। वहीं, पड़ोस में बगहा के रामनगर की रहने वाली नगमा खातून भी रहती थी। इसी दौरान दोनों के बीच दोस्ती हुई और दोनों एक- दूसरे से प्यार करने लगे। इसके बाद दोनों ने शादी कर ली।