अब सरकारी नौकरी तो बची नहीं, मोदी ने तो सारा कुछ बेच दिया, आपका बच्चा तो अब प्राइवेट की ही गुलामी करेगा
सौमित्र रॉय
आप अपने बच्चों को ऊंची से ऊंची शिक्षा दिलाने में लाखों रुपए खर्च करते हैं। इस उम्मीद से कि उनका करियर अच्छा होगा। उन्हें अच्छी जगह नौकरी मिलेगी और वे जल्दी सैटल हो जाएंगे। आप गलतफहमी में हैं। जब तक मोदी सरकार सत्ता पर काबिज है, आपके बच्चे हमेशा मारे-मारे फिरेंगे।
आप पूछेंगे- ऐसा क्यों ?
लोकसभा में थोड़ी देर पहले श्रम और रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने कोड ऑन इंडिस्ट्रियल रिलेशंस 2020 बिल पेश किया है। आप जानते हैं इसके कानून बनने के बाद क्या होगा ? इस बिल में लिखा है कि सरकार कंपनियों को बिना अनुबंध के 300 से कम कर्मचारियों को रोजगार देने की इजाजत देगी।
इसका मतलब क्या हुआ ? आपके बच्चे कंपनियों में गुलाम की तरह काम करेंगे और चूंकि उनके साथ कंपनी का कोई वैधानिक अनुबंध नहीं हुआ है तो कोई श्रम कानून लागू नहीं होगा।
आपके बच्चों को कभी भी नौकरी से निकाल दिया जाएगा। यानी हायर एंड फायर। इसका मतलब यह हुआ कि आपके बच्चों की हालत पढ़ने-लिखने के बाद भी सड़क के पीठे पर बैठने वाले दिहाड़ी मजदूर के बराबर हो जाएगी। अब सरकारी नौकरी तो बची नहीं। मोदी ने तो सारा कुछ बेच दिया। आपका बच्चा तो अब प्राइवेट की ही गुलामी करेगा।
दुखी क्यों होते हैं। आपने यही दिन देखने, अपने बच्चों के इसी भविष्य को साकार करने के लिए ही तो मोदी को दो बार वोट दिया। जब नौकरी नहीं, जेब में पैसा नहीं, कोई भविष्य नहीं- तो व्यक्ति क्या करता है ? फंदे पर झूल जाता है। जयपुर में आज एक परिवार के 4 लोगों ने खुदकुशी की है।
सेंटर फॉर मेंटल हेल्थ के डायरेक्टर और मेरे हमनाम डॉ. सौमित्र पाथे ने केवल अंग्रेजी दैनिकों से कोविड महामारी के दौरान खुदकुशी के 140 मामले और आत्महत्या के प्रयास के 24 कहानियों को दर्ज किया है। आप भक्ति और कंगना में मगन रहें। आपको अपने बच्चों की फिक्र क्यों होनी चाहिए ?