अब तक सरकार "राम" भरोसे थी और अब रिया भरोसे है...
अंकुर मौर्य
देखो-देखो रिया चक्रवर्ती बाहर निकली.. देखो रिया गाड़ी में बैठी है.. देखिए उनकी गाड़ी ने लेफ्ट टर्न लिया.. हम उनकी गाड़ी के पीछे लगे हुए है.. देखिए फलाना चेनल पर रिया की सुपर-डूपर एक्सक्लूसिव तस्वीरें सिर्फ और सिर्फ सबसे पहले इसी चेनल पर.. हम आपको सबसे पहले बता रहे है की रिया ने कौन से रंग के और क्या कपड़े पहने है.. रिपोर्टर लगातार इतना बोलता है कि हांफते-हांफते उसकी सांसे फूलने लगती है.. टीवी देखने वाला भी डर जाता है की कहीं ये रिपोर्टर ही न चल बसे..
ये मीडिया द्वारा की जा रही एक केस में उसके दोषी पर नई तरह की "मीडिया लिंचिंग" है.. हर चेनल और हर रिपोर्टर ये बात जनता है कि रिया बात नहीं करेगी.. फिर भी कोरोना से बचाव के लिए ज्ञान देने वाले ये रिपोर्टर चिपक-चिपक के रिया के सुरक्षाकर्मियों के ऊपर चढ़ कर उनके मुह में माइक घुसाने की कोशिश करते रहे और लगतार चीख-चीख कर सवाल कर करते रहे..
केवल एक चेनल नहीं लगभग सभी वो तमाम बड़े न्यूज़ चेनल इस गिद्दों वाली पत्रकारिता में शामिल है , होड़ लगी है TRP बटोरने की.. हर चेनल के बड़े-बड़े पत्रकार मुम्बई भेज दिए गए हैं, उन्हें बोल दिया गया है जाइये और देश के सारे मुद्दे भूलकर कर, कोरोना, किसान, मज़दूर, GDP, बेरोज़गारी, आदि सब भूल कर बस "रिया-रिया" करते रहिए...
रिया एक केस में आरोपी है और उसपर लगे आरोप साबित करना जांच एजेंसीयों का काम है वो अपना काम कर रहे हैं , और एक आरोपी को भी पूरा हक है अपनी बात रखने का.. अगर रिया दोषी पाई जाती है तो ये कानून तय कर लेगा उसके साथ क्या करना है कि नहीं.. लेकिन मौजूदा मीडिया ये बता चुका है कि कौन दोषी है कि नहीं.. वो पहले ये भी साबित कर चुके हैं कि हत्यारा कौन था लेकिन अब ड्रग-ड्रग खेल रहे हैं.. ,
ये ऐसा इसलिए हो रहा है कि इनको बढ़ावा जनता दे रही है जो ये सब देख रहे हैं जिससे चेनल नम्बर वन बनने रहे हैं और आपको ये बार-बार तबतक दिखाया जाता रहेगा जबतक जनता इससे बोर नहीं हो जाती, धीरे-धीरे लोग भी अब परेशान हो रहे है.. उम्मीद है कुछ दिनों बाद मामला ठंडे बस्ते में चला जाए या फिर ये मुद्दा बिहार चुनाव तक चलता रहेगा.. क्योंकि अबतक सरकार "राम" भरोसे थी और अब रिया भरोसे है..