आवारा सांड ने फिर ली एक जान, युवक को पटक पटक कर मार डाला
रेवाड़ी। किसान वर्ग व आम लोगों को बेसहारा पशुओं के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। भूख व प्यास के कारण यह बेसहारा पशु कई बार हिसक हो जाते हैं। आपस में लड़ाई करते हुए किसी भी राहगीर या गाड़ी चालक को अपना शिकार बना लेते हैं व घायल कर देते हैं। कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन पिछले कई वर्ष से यह सिलसिला लगातार चल रहा है।
आज रेवाड़ी के गांव पातुहेड़ा में आवारा सांड ने फिर एक जान ले ली। सुबह घर से ड्यूटी जाते समय सांड ने हमला कर यूपी निवासी एक कंपनी कर्मी को मौत के घाट उतार दिया। हादसे में गंभीर रूप से घायल श्रमिक को अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हादसे के बाद आक्रोशित लोगों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर हमलावर सांड को बंधक बनाकर प्रशासन व सरकार के खिलाफ नारेजाबी कर अपना विरोध जताया। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।
मूल रूप से आगरा निवासी 36 वर्षीय गुलकेश पातुहेड़ा के पास स्थित ल्यूमैक्स कंपनी में काम करता था। वह पिछले करीब पांच साल से कंपनी में काम रहा था तथा सुबह घर से पैदल कंपनी जा रहा था। इसी दौरान कंपनी व गांव के बीच एक सांड ने उस पर हमला कर दिया।
ग्रामीणों व आसपास के लोगों ने युवक को सांड से बचाने का प्रयास किया, परंतु सांड पीछे नहीं हटा। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि युवक ने हमलावर सांड से बचने का प्रयास किया, परंतु सांड ने उसे कई बार उठा-उठाकर जमीन पर पटका, जिससे उसकी मौत हो गई।
बता दें आवारा पशु इससे पहले अगस्त माह में एक युवा फोटोग्राफर को मौत के घाट उतार चुके हैं। इसके आलावा बीते 20 दिनों में जिला में सांड की टक्कर से 5 लोगों की मौत हो चुकी है। 12 अगस्त को संजय वर्मा उर्फ डॉली को कायस्थवाड़ा चौक पर सांड ने टक्कर मारकर मौत के घाट उतार दिया था।
वहीं 20 अगस्त को शहर के बावल रोड पर आइओसी चौक के निकट सांड ने ऑटो को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में ऑटो में बैठे कंपनी कर्मचारी अलवर के गांव दौलतपुर निवासी राहुल नामक युवक की मौत हो गई थी तथा चालक सहित अन्य सवारी घायल हो गई थी।
वहीं वर्ष 2014 में भी सांड ने शहर के वार्ड नंबर 13 निवासी भूपेंद्र शर्मा की टक्कर मारकर जान ले ली थी। एक बच्चे को मारने का वीडियो भी वायरल हो चुका है। अगस्त के शुरू में शाम के समय लड़ते हुए सांड एक स्कूटी सवार की भी जान ले चुके हैं। इतनी घटनाएं होने के बाद भी प्रशासन मूक बने देख रहा है और लोग अपनी जान से जा रहे हैं।