कोरोना का टेस्ट करवाया नहीं और रिपोर्ट आ गई पॉजीटिव
झज्जर। जिले के गांव की एक महिला की रिपोर्ट कोरोना पॉजीटिव आई है लेकिन मजे की बात यह है कि महिला ने कोरोना टेस्ट तो क्या कोई भी टेस्ट नहीं करवाया है। उससे भी मजे की बात यह है कि पिछले 20 दिन से महिला गांव में है ही नहीं। अब गांव में उसके घर को क्वारंटीन कर दिया गया है।
हो रही परेशानी के चलते महिला का पति पुलिस चौकी पहुंच गया। उसने पुलिस को शिकायत देकर कहा कि उसकी पत्नी का कोरोना टेस्ट ही नहीं हुआ तो रिपोर्ट पॉजिटिव कैसे आ गई। उसने दावा किया कि किसी शरारती तत्व ने उसकी पत्नी का नाम और मोबाइल नंबर सिविल अस्पताल में गलत लिखवाया है।
अब स्वास्थ्य विभाग वाले हमारे घर के पास कंटेनमेंट जोन बना रहे हैं और उन्हें होम आइसोलेट कर रहे हैं। इसकी जांच की जाए। उक्त व्यक्ति ने स्वास्थ्य विभाग में भी अपनी शिकायत दर्ज करवाई है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि उनके रिकॉर्ड में महिला का नाम व फोन नंबर सही है। ऐसे में यह जांच का विषय होगा कि कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ। गड़बड़ी कहां पर हुई है।
झज्जर के समीपवर्ती गांव के रहने वाले व्यक्ति ने बताया कि शाम 6:30 बजे पीएचसी के डॉक्टर का फोन आया। डॉक्टर ने बताया कि उसकी पत्नी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है। उसको अब क्वाॅरेंटाइन रहना होगा। इस पर व्यक्ति ने कहा कि उसकी पत्नी तो 20 दिन से मायके गई हुई है और बेटा मेरे पास है। सिविल अस्पताल में बगैर जाए उनका टेस्ट कैसे हो सकता है। उसकी अपनी पत्नी से भी इस बारे में पता किया। उसने भी टेस्ट करवाने से मना कर दिया। उसने अपने पुराने मैसेज चेक किया तो 6 सितम्बर को उसकी पत्नी व बेटे का भी टेस्ट का मैसेज आया हुआ है।
इस बात पर वह हैरान है कि बेटा उसके पास था, जो उम्र में छोटा होने के कारण अकेले नहीं जा सकता। ऐसे में उसकी पत्नी, बेटे का नाम और मोबाइल नंबर सिविल अस्पताल में कौन लिखवाकर आया। उसे स्वास्थ्य विभाग से कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। उन्होंने छुछकवास पुलिस चौकी में शिकायत कर इस पूरे मामले की जांच करने की गुहार की है। प्रभावित व्यक्ति का कहना है कि उनके घर में दो कमरे हैं जिसमें एक में पत्नी को लिटाया गया है वहीं दूसरे में दो बच्चों सहित वे चार लोग कैद हैं।
सिविल सर्जन डॉ. संजय दहिया ने कहा कि रिकॉर्ड में नाम व मोबाइल नंबर बिल्कुल सही है। ऐसे में कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट के हिसाब से वे सभी एहतियात बरते जाएंगे जो स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन में है। टेस्ट नोडल अधिकारी डॉ. कुल प्रतिभा ने बताया कि यदि मरीज को किसी प्रकार की आपत्ति है तब वह पुलिस में शिकायत कर जांच करा सकते हैं। वे अपने स्तर पर भी इस मामले की जांच कराएंगी, लेकिन जिले में जहां अभी तक 55 हजार से अधिक जांच हो चुकी है, लेकिन इस तरह का मामला सामने नहीं आया।