कोरोना वैक्सीन को लेकर भारत को निर्णायक कदम उठाने की जरूरत है क्योंकि...
गिरीश मालवीय
कोरोना वैक्सीन को लेकर भारत को निर्णायक कदम उठाने की जरूरत है आज ही हमे निर्णय लेना होगा कि हम अब से WHO की बेवकूफाना सलाह पर ध्यान न दे और वेक्सीन के बारे में एक स्पष्ट निर्णय ले........अगर इस WHO,बिल गेट्स ओर GAVI की दुरभिसंधि के भरोसे बैठे रहे तो बहुत देर हो जाएगी !...हमारी अर्थव्यवस्था इतना लंबा नुकसान उठाने की कंडीशन में नही है........
कल WHO ने स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि वैक्सीन अगले साल के मध्य से पहले आने वाली नही है ......जेनेवा में पत्रकारों से बात करते हुए WHO के प्रवक्ता मारग्रेट हैरिस ने कहा- अगले साल के मध्य से पहले तक हम दुनियाभर में व्यापक रूप से कोविड-19 वैक्सीन की उपलब्धता की उम्मीद नहीं कर रहे हैं।.....…
अब आप दुनिया की तीन महाशक्तियों को देखिए तीनो ने ही WHO को ठेंगा दिखा दिया है परसो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राज्यों से 1 नवंबर से कोरोना वैक्सीन के वितरण के लिए तैयार रहने को कहा गया है.
इसका मतलब यह है कि अमेरिका बिना तीसरे चरण के परिणामो की चिंता करे बगैर यह वेक्सीन नवंबर में ही अपनी जनता को लगवाने जा रहा है .....यही काम रूस अक्टूबर से शुरु कर रहा है.........ओर चीन तो अपनी सेना को यह वेक्सीन लगाना शुरू भी कर चुका है......
अमेरिका ने तो पहले ही WHO से सारे संबंध तोड़ लिए है कल अमेरिका ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह वैक्सीन के बनाने और समान रूप से बांटने के वैश्विक प्रयास ‘कोविड-19 ग्लोबस एक्सेस (कोवैक्स) फैसिलिटी’ में शामिल नहीं होगा, क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन इसमें शामिल है.
साफ है कि यह तीनों देश WHO ओर उसके टीकाकरण प्रोग्राम COVAX को पूरी तरह से नकार कर अपनी अपनी वैक्सीन के साथ आगे बढ़ चुके हैं और जनवरी तक यह अपने नागरिकों को वैक्सीन लगाने की कंडीशन में होंगे जबकि भारत इनसे बहुत पीछे रह जाएगा क्योंकि वह सही समय पर सही निर्णय ले पा रहा है
कल एक ओर बड़ी खबर आयी कि मेडिकल जर्नल लेंसेट की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस की ओर से डिवेलप किया गया कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक V दो शुरुआती फेज के ट्रायल में सुरक्षित और प्रभावी पाया गया है।.......यानी कि अब रूस की वैक्सीन नम्बर 1 वेक्सीन बन चुकी है.......
अगर आज भारत जिसके पास विश्व के 60 प्रतिशत वेक्सीन उत्पादन की क्षमता है वह तुरंत रूस की कंपनी से करार कर लेता है तो नवम्बर से वह भी टीकाकरण शुरू कर सकता है लेकिन इसके लिए जरूरी है कि भारत अमेरिका जैसे ही WHO का पूर्ण रूप से बहिष्कार करे जैसा अमेरिका रूस और चीन कर चुके हैं..........