क्या राष्ट्रीय बेरोज़गार दिवस फेल हो गया ?
रवीश कुमार
कल राष्ट्रीय बेरोज़गार दिवस था। ज़्यादातर न्यूज़ चैनलों ने कवर किया या है नहीं अब इस सवाल का मतलब नहीं है। यह सवाल होना चाहिए कि सरकार ने संज्ञान लिया या नहीं?
बेशक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर यह आंदोलन हुआ लेकिन इसमें कांग्रेस और कांग्रेस समर्थित सरकारों से त्रस्त युवा भी ट्विट कर रहे थे। बंगाल और असम से भी लोग बोल रहे थे। कई लोगों को यह शिकायत रहती है कि उनकी परीक्षा का ज़िक्र क्यों नहीं हुआ?
वे बार बार मैसेज करते हैं। सिर्फ़ ज़िक्र के लिए कातर हो जाते हैं जबकि जिनका होता है उन्हीं का कुछ नहीं होता। ज़िक्र आते ही बधाई देने लगते हैं। अजीब हाल है। क्या आप सिर्फ़ ज़िक्र के लिए तरस रहे हैं? मैं सबका न ज़िक्र करूँगा न संभव है। दो साल से एक ही बात कह रहा हूँ। फिर भी लोग अपनी परीक्षा को लेकर ही मेसेज करते रहते हैं।
बड़ा सवाल है परीक्षा व्यवस्था ठीक हो। भर्ती निकले और रोज़गार की शर्तें बेहतर हो। मैं हमेशा उसे ही सामने रखकर कवर करता हूँ ।तो मुझे अलग से अपनी परीक्षा के लिए मैसेज न करें। आज एक बार और आप लोगों की सामूहिक हार हुई है। व्यक्तिगत स्वार्थ और मेरी परीक्षा सवाल छोड़ कर उन प्रश्नों पर विचार करें। ये आज के कार्यक्रम का लिंक है।
इस लिंक को देखने से पहले आय-पास पता करें कि लोग क्या देख रहे थे, अगर ये पता चले कि आपके घर में, यार दोस्त रिश्तेदार बेरोज़गारी के सवाल को छोड़ कर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के नाम पर मीडिया का अश्लील कवरेज देख रहे थे तो ये कार्यक्रम भी न देखें। आप भी वही देखें। पर आप लोगों ने कोशिश तो अच्छी की। शांति और धीरज का प्रदर्शन किया। यह सबक़ जीवन भर काम आएगा।