शिवाकांत अवस्थी महराजगंज/रायबरेली: विद्युत वितरण उप केंद्र महराजगंज की सीमा क्षेत्र के अंदर ओथी गांव में 25 केवी के ट्रांसफार्मर पर 5 -5 ...
महराजगंज/रायबरेली: विद्युत वितरण उप केंद्र महराजगंज की सीमा क्षेत्र के अंदर ओथी गांव में 25 केवी के ट्रांसफार्मर पर 5 -5 नलकूप चलाए जाने से आए दिन ट्रांसफार्मर फुका पड़ा रहता है। जिससे ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
आपको बता दें कि, ग्रामीणों का कहना है कि, आए दिन ट्रांसफार्मर फुकने की वजह से एक तो उन्हें ट्रांसफर लादकर यहां स्टोर में लाना पड़ता हैं और विद्युत विभाग के कर्मचारी दूसरे ट्रांसफार्मर के लिए हफ्तों इंतजार कराते हैं। जब दूसरा ट्रांसफार्मर मिलता है, तो उसे ढो कर लाने के लिए भी ग्रामीणों को ही पैसे खर्च करना पड़ता है। इससे ग्रामीण और किसान परेशान हैं। हर तरफ से ग्रामीणों और किसानों को ही झेलना पड़ रहा है। वहीं कई कई दिन विद्युत गुल रहने से भी फसलों की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है।
ग्रामीणों और किसानों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि, यहां पर लगे 25 केवी के ट्रांसफार्मर की जगह 64 केवी का ट्रांसफार्मर लगाया जाए, ताकि किसानों को इस समस्या से निजात मिल सके। जिलाधिकारी को प्रेषित पत्र में गांव निवासी जगदीश लोधी, लव कुश लोधी, पुष्पेंद्र, रामखेलावन, चांदिका, राम अभिलाख, बाबूलाल, सुखदेव, रामसनेही, रामधनी आदि ने बताया कि, ओथी और पूरे रानी के बीच डबल पोल पर 25 केवी क्षमता का विद्युत ट्रांसफार्मर रखा है। जिससे साढे सात-साढे सात हॉर्स पावर के दो और 5-5 हॉर्सपावर के ट्यूबवेल कनैकशन हैं। इसके अलावा कुछ लोगों ने घरेलू विद्युत के लिए भी कनेक्शन ले रखा है। ओवरलोडिंग के चलते 25 केवी का ट्रांसफार्मर फुक जाया करता है। जिसको बदलने के लिए किसानों को ट्रांसफार्मर त्रिपुला विद्युत केंद्र ले जाना पड़ता है, और काफी इंतजार के बाद जब नया ट्रांसफार्मर मिलता है, तो उसे ढोकर यहां गांव लाना पड़ता है। इससे समय और धन दोनों की बर्बादी होती है। वहीं हफ्तों हफ्तों तक ट्रांसफार्मर न बदले जाने से सिंचाई का काम भी बाधित रहता है। किसानों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि, इस बार बरसात कम हो रही है, धान की फसलों को लगातार पानी की जरूरत है। इसलिए व्यापक जनहित को देखते हुए विद्युत विभाग को निर्देशित किया जाए कि, यहां पर 25 केवी की जगह 64 केवी क्षमता का ट्रांसफार्मर रखा जाए, तभी किसानों को इस समस्या से निजात मिलेगी।