शिवाकांत अवस्थी रायबरेली: समाजवादी व्यापार सभा के जिलाध्यक्ष एवं उ.प्र. उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल के प्रान्तीय संगठन मन्त्री मुकेश...
शिवाकांत अवस्थी
रायबरेली: समाजवादी व्यापार सभा के जिलाध्यक्ष एवं उ.प्र. उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल के प्रान्तीय संगठन मन्त्री मुकेश रस्तोगी ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को आढ़े हाथों लेते हुए कहा कि, योगी सरकार को तीन साल पूरे हो गये लेकिन नौजवानों को रोजगार, भयमुक्त माहौल, महिला सुरक्षा हेतु एंटी रोमियो स्कवाॅयड, सड़कें गड्ढा मुक्त करने, किसानों के बकाये भुगतान और कर्जमाफी की ये सभी बातें और वायदे जमीन पर उतरते नहीं दिखाई दिये। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनते ही विकास की धारा गुम हो गयी है।
आपको बता दें कि, सपा नेता श्री रस्तोगी ने कहा कि, जिस उत्तर प्रदेश की जनता को बड़े-बड़े वादे और सपने दिखाकर भाजपा सत्ता में आई थी, वह अभी भी अधूरे हैं, किसानों, शिक्षकों, व्यापारियों व महिलाओं को लेकर 2017 में जो वादे किये थे, वो अधूरे ही दिख रहे हैं। तीन वर्ष व्यतीत हो जाने के बाद भी सरकार को जनता से जुड़ी समस्याओं की, ओर ध्यान देने तक का समय नही मिला, चुनाव से पहले शिक्षा मित्रों से जो वायदा किया था, वो भी नहीं निभाया। प्रदेश के सभी युवाओं को लैपटाप देने का वायदा सरकार के तीन साल पूरे होने के बाद भी परवान नहीं चढ़ पाया। नौकरियों के लिए जो परीक्षाएँ हुई, उनमें अधिकांश के पेपर लीक हुए। न गुंडाराज न भ्रष्टाचार का नारा भाजपा के हर चुनावी सभा में गूंजता रहा, लेकिन सत्ता में आने के बाद से लगातार अपराध बढ़ता चला गया। भ्रष्टाचार के मामले में सरकार ने नए आयाम बनाये और भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए भी कोई कसर नहीं छोड़ी, सरकार बनने के 15 दिन में मंत्रियों और अधिकारियों से उनकी सम्पत्ति का विवरण मांगा गया था, लेकिन शान से तीन साल बिताने वाले योगी सरकार के अधिकांश मंत्रियों ने अपना ब्यौरा आज तक नहीं दिया। महिलाओं के लिए भाजपा का नारा सशक्त नारी समान अधिकार भी पूरी तरह कागजी साबित हुआ, महिला अपराधों पर कई मौकों पर सरकार द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी। महिला अपराधों के लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने कई बार यू.पी. सरकार को फटकार तक लगाई।
श्री रस्तोगी ने आगे कहा कि, भाजपा ने 2017 के चुनावी घोषणा-पत्र में औद्योगिक पार्को, आईअी पार्को, दवाओं के लिए फार्मा पार्क और निर्यात के लिए ड्राई पोर्ट की बात कही थी, लेकिन यह कार्यक्रम भी किताबी साबित हुए है। तीन साल बाद उत्तर प्रदेश का आम नागरिक सरकार की कार्यशैली को भलीभांति समझ चुका है।