शिवाकांत अवस्थी रायबरेली: राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं आरटीआई जागरूकता संगठन भारत के राष्ट्रीय प्रभारी एवं राष्ट्रीय अनुशासन मंत्री ज्ञान प्र...
शिवाकांत अवस्थी
रायबरेली: राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं आरटीआई जागरूकता संगठन भारत के राष्ट्रीय प्रभारी एवं राष्ट्रीय अनुशासन मंत्री ज्ञान प्रकाश तिवारी ने नारी के सम्मान में अपने एक विचार रखे, और कहा कि, आज हमारे समाज में नारियों पर हो रहा जुल्म, बेटियों पर हो रहे अत्याचार और जन्म से पहले ही बेटियों की हो रही हत्या बहुत ही निंदनीय है। जिस देश में नारी की पूजा नहीं होती है, वह देश कभी तरक्की नहीं करता। समाज को बनाने वाली समाज के निर्माण को आगे चलाने वाली नारी ही होती है। मनुष्य की पहचान नारी से ही है।
आपको बता दें कि, श्री तिवारी ने कहा कि, शास्त्रों में कहा गया है, नारी सर्वत्र पूज्यते! हमारा संगठन इन्हीं सब समस्याओं से लड़ने के लिए आगे आ रहा है। एक तेजस संगठन जिसका नाम बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ प्रकोष्ठ बहुत जल्द आप लोगों के बीच में यह संगठन 1 महिलाओं की सुरक्षा के रूप में कार्य करेगा। इस संगठन का मकसद बेटियों को न्याय दिलाना रहेगा। इस ग्रुप में जुड़ने वाली बहने सिर्फ बेटियों की शिक्षा, बेटियों पर हो रहे जुर्म, दहेज हत्या जैसे कार्यों को मानवाधिकार आयोग के माध्यम से तथा भारत सरकार व राज्य सरकार की आने वाली योजनाओं के तहत कार्य करेंगे।
आज हमारे समाज में इंसान ही इंसान का दुश्मन बनता जा रहा है। हम यह भूल जाते हैं कि, हमारा भी जन्म जिनसे हुआ है, वह भी किसी की बेटी थी, फिर मां बनी। भारतवर्ष में सनातन धर्म का बहुत बड़ा महत्व है। हम नवरात्र या किसी भी देवी की पूजा करते हैं। दुर्गा काली लक्ष्मी सरस्वती यह सभी नारी का ही एक रूप है। भारत की संस्कृति में नारी का बहुत बड़ा स्थान है। हमारे समाज में नारियों की पूजा करने वाला उनको सम्मान देने वाला बेटियों की सुरक्षा करने वाला कभी दुखी नहीं रहता। आज जो हमारे समाज में नारी पर जुल्म करते हैं, नारी को सताते हैं, नारी को मारते हैं और नारियों को रुलाते हैं। उनके जीवन में कभी सुख नहीं आता, वे अपने जीवन काल में आज नहीं, तो कल इस दंड के हकदार होते हैं। ऐसे समाज के लोग दानव तंत्र की श्रेणी में आते हैं, जिनका अंत ही सबसे बड़ा फल है, जो नारी पर अत्याचार करें, वह समाज के लायक भी नहीं होता।
इन्हीं सब समस्याओं को देखते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं आरटीआई जागरूकता संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ प्रकोष्ठ का गठन करने का निर्णय लिया, जिसे हम सब मिलकर पूरा करेंगे। राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं आरटीआई जागरूकता संगठन के समस्त पदाधिकारी इस संगठन को आगे बढ़ाने में पूरा सहयोग दें। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ प्रकोष्ठ का गठन प्रदेश स्तर से लेकर जिले आज तक और ग्रामीण से तहसील तक बनाया जाएगा। इस संगठन का मकसद सिर्फ बेटियों की सुरक्षा करना होगा। इसमें सिर्फ सक्रिय समाज सेवी महिलाएं और समाज में महिलाओं के प्रति, बेटियों के प्रति और नारियों की सुरक्षा के प्रति कार्य करने वाली हमारी बहने और माताएं इस संगठन में जुड़कर समाज हित में कार्य करने को आगे आए। अपने समाज की सुरक्षा करें। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ प्रकोष्ठ का मकसद सिर्फ नारियों के उत्थान के लिए है। इस संगठन में सिर्फ महिलाएं ही जुड़ेगी और बहुत जल्द महिलाओं की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं आरटीआई जागरूकता संगठन आप सभी के बीच बेटी बचाओ बेटी प्रकोष्ठ सुरक्षा गैंग का भी गठन करने जा रहा है। जिनका मकसद हमारे भारतीय समाज की सभी महिलाओं की सुरक्षा करना है।
महिलाओं में आत्म गौरव का जागरण, उनका परिपूर्ण शिक्षण, उनके स्वास्थ्य संवर्धन हेतु सर्वाग्य पूर्ण उपचार, सामाजिक सुरक्षा हेतु स्वावलंबन यह हमारे संगठन की मुख्य उद्देश्य है। आज हमारे समाज में महिलाओं के प्रति कई संगठन कार्य कर रहे हैं। लेकिन इन सबके बावजूद भी महिलाओं पर अत्याचार दहेज हत्या बेटियों पर जुर्म, यह अभी तक बंद नहीं हुआ है। हमारा संगठन राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं आरटीआई जागरूकता संगठन भारत बेटी बचाओ बेटी प्रकोष्ठ को सक्रिय करने के लिए हमारी तमाम बहने समाजसेवी जुड़े और बेटियों की सुरक्षा के लिए आगे आएं, और वह संघर्ष करते हुए पुरुषों के साथ बराबर की भागीदारी कर सकें।
श्री तिवारी ने कहा कि, संस्कारवान धर्म निश्ड महिलाएं लोक शिक्षक की भूमिका निभा सकती हैं। इसके लिए समय-समय पर हमारी प्रदेश कमेटी की महिलाएं और राष्ट्रीय कमेटी की महिलाएं उनके लिए संघर्ष करती रहेंगी। इसी को पुष्पित पल्लवित करने का प्रयास हमारा संगठन, भारत सरकार और राज्य सरकार को आंदोलन के माध्यम से जागरूक करता रहेगा, तथा राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं आरटीआई जागता संगठन भारत का हमारा नया उद्घोष होगा। 21वीं सदी नारी सदी के नाम रहेगी। भारत के समस्त समाजसेवियों को हमारा संगठन आवाहन करता है, कि, आप सभी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ उद्घोष को सार्थक बनाएं, यही एक तरीका है कि, हम सभी लोगों का आवाहन करते हैं कि, बेटी बचाओ बेटी प्रकोष्ठ में बढ़-चढ़कर आप लोग आगे आए और 21वी सदी नारी सदी के रूप में आंदोलन को गति देगी।