विकास कार्य और भी ज्यादा होते, लेकिन सीमित संसाधनों के बावजूद वह इतना ही कर पाए हैं-राम सजीवन शिवाकांत अवस्थी महराजगंज/रायबरेली: सीमित ...
विकास कार्य और भी ज्यादा होते, लेकिन सीमित संसाधनों के बावजूद वह इतना ही कर पाए हैं-राम सजीवन
शिवाकांत अवस्थी
महराजगंज/रायबरेली: सीमित संसाधनों के बावजूद ब्लॉक क्षेत्र में टीसा खानापुर एक ऐसा गांव है, जिसने विकास के मामलों में 5 वर्षों के दौरान कई नए रिकॉर्ड बनाए गए हैं। ग्राम प्रधान राम अधार यादव की अगुवाई में पिछले साढे़ 4 सालो में कोई दिन ऐसा नहीं रहा, जबकि गांव में विकास का पहिया थंभा हो। गांव में सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए प्रधान और उनकी टीम ने हर वर्ग के लिए कुछ ना कुछ काम अवश्य ही किया है। जिसका नतीजा है कि, गांव वासी तन मन से प्रधान को लगातार तीसरी बार कुर्सी पर पुनः बैठाना चाहते हैं। यह जानकारियां इस संवाददाता को टीसा खानापुर गांव में भ्रमण के दौरान जो मिली है, उनसे यह पता चलता है कि, जनप्रतिनिधि अगर कर्मठता से कार्य करें, तो गांव में न केवल विकास की गंगा बहाई जा सकती है, बल्कि जनता जनार्दन के दिलों को भी जीता जा सकता है।
आपको बता दें कि, टीसा खानापुर में मुख्य गांव टीसा खानापुर को लेकर 8 मजरे हैं। जिनमें शिवपुर, गजनीपुर पूरे ठाकुर, कुबेदान का पुरवा, बैरहना, बंधवाताल शामिल है। विकास कार्य के नाम पर प्रधान प्रतिनिधि राम सजीवन यादव का कहना है कि, प्रधानी के वर्तमान कार्यकाल में ग्राम प्रधान द्वारा 1000 मीटर पक्की नाली, 100 मीटर इंटरलॉकिंग, लगभग 7 किलोमीटर कच्चा मार्ग, 5 किलोमीटर खड़ंजा, 70 बृद्धा विधवा और विकलांग पेंशन इसके अलावा 58 पात्र व्यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास, 425 शौचालय, दो नए-नल तथा 6 रिबोर, 60 स्ट्रीट लाइटे साथ ही मौजूदा समय में 5 लाख रुपए की लागत से सामुदायिक शौचालय का निर्माण करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि, चार हजार आबादी वाले टीसा खानापुर ग्राम सभा में 30% अनुसूचित जाति, 10% सामान्य जाति तथा 60% ओबीसी निवास करती है, जिसके दृष्टिगत तीन आंगनबाड़ी केंद्र बनवाए गए हैं।
प्रधान प्रतिनिधि राम सजीवन ने बताया कि, विकास कार्य और भी ज्यादा होते, लेकिन सीमित संसाधनों के बावजूद वह इतना ही कर पाए हैं। आगे की योजना है कि, गांव में सभी सड़कें इंटरलॉकिंग की हो, पेयजल की सुविधा घर-घर हो, साथ में पूरे गांव को सोलर लाइटों से आच्छादित कर दिया जाए, शिक्षण व्यवस्था विशेषकर लड़कियों की पढ़ाई के लिए कम से कम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भी ग्रामसभा की सीमा के अंतर्गत हो, बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं भी जन जन के लिए उपलब्ध हो, साथ ही सरकार की मंशा के अनुरूप रोजगार की तलाश में लोगों को दिल्ली, मुंबई आदि शहरों को ना जाना पड़े। साथ ही छोटे-मोटे विवादों का निपटारा आपसी सहमति और पंचायत के द्वारा गांव में ही हो, इसके साथ ही किसानों को अच्छी उपज के लिए पानी और खाद की उपलब्धता हो।