क्या अर्थी उठाओ अभियान से मारहरा विधानसभा सीट जीत जाएगी समाजवादी पार्टी?
अमन पठान
भले ही अभी चुनाव आयोग ने यूपी विधानसभा चुनाव की तारीख मुकर्रर नही की है लेकिन चुनावी सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं। सभी दलों के संभावित प्रत्याशियों ने जन संपर्क तेज कर दिया है। संभावित उम्मीदवार मतदाताओं को रिझाने की कवायद में जुटे हुए हैं। समाजवादी पार्टी से टिकट के दावेदार उम्मीदवारों ने तो अर्थी उठाओ अभियान शुरू कर दिया है।
टिकट के दावेदार सपा नेताओं ने पूरे विधानसभा क्षेत्र में अपने चिंटूओं को यह जिम्मेदारी सौंप दी है कि अगर उनके आसपास किसी का देहांत हो जाये तो उसकी सूचना वह उन्हें सबसे पहले दें ताकि मृतक की अर्थी को कांधा देने और शोक संवेदना व्यक्त करने का मौका अपने हाथ से न गवा दें। सपा के टिकट के दावेदार नेता भले ही 5 साल क्षेत्र में दूरबीन से भी दिखाई न दिए हों लेकिन चुनावी मौसम में सारे नेता कलफ लगे कपड़े पहनकर गांव गांव घूम रहे हैं।
लोधी राजपूत बाहुल्य मारहरा विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी की जीत इस बार भी मुश्किल लग रही है क्योंकि समाजवादी पार्टी के पास यादव, मुस्लिम के अलावा दूसरा वोट नही है। सपा का 30 फीसदी वोट रोजी रोजगार की तलाश में खानाबदोश है। जबकि 90 प्रतिशत लोधी राजपूत वोट गांव में मौजूद है। समाजवादी पार्टी किसी को भी उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतार दे फिर भी सपा को 60 से 65 हजार वोट ही मिलेंगे।
अगर मारहरा विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी को अपनी जीत का परचम लहराना है तो अर्थी उठाओ अभियान को स्थगित कर अखिलेश यादव की घोषणाओं को आमजन तक पहुंचाने और किसी राजनीतिक चाणक्य से चुनाव की रूपरेखा तैयार करवाएं। सपा के जो संभावित प्रत्याशी अखिलेश यादव की विजय यात्रा में भीड़ देखकर अपनी जीत को सुनिश्चित कर चुके हैं वो कान खोलकर सुन लें मोदी का जादू अभी कम नही हुआ है इसलिए भाजपा ने योगी आदित्यनाथ को किनारे कर दिया है और भाजपा चुनाव को अखिलेश बनाम मोदी बना रही है। लोगों की नाराजगी योगी सरकार से हो सकती है लेकिन मोदी वो चुनावी बाजीगर है जो हारी हुई बाजी को भी जीतने की कला जानता है।