सस्ती लोकप्रियता हासिल करने एक और "हिंदुत्ववादी" हुआ बेनकाब "कालीचरण महाराज"
हितेश एस वर्मा
यह पाखंडी सन 2005 में महाराष्ट्र के अकोला से भगाया गया था और वहां से भाग कर इसने इंदौर में शरण ली.
इसे भगाने वाले कोई और नहीं इसके माता पिता ही थे, जो इसके व्यभिचार से परेशान थे. इस व्यक्ति की नशे की लत और बुरी आदतों के कारण ऐसा हुआ !
यह मूर्ख आठवी फैल है और इसने रायपुर में हुई धर्म संसद में खुले तौर पर भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को "हरामी" कहा, साथ ही नाथूराम गोडसे को गांधीजी की हत्या करने पर धन्यवाद देकर उसके समर्थन में नारे तक लगाए. यह सब एक धर्म संसद में घट रहा था !
राजनीति से इस फ्राड का यह कनेक्शन है की ये अकोला में 2017 में संपन्न नगर निकाय चुनाव में यह लड़कर हारा था, जहां इसकी जमानत जब्त हो गई थी. इंदौर में यह व्यक्ति भैय्यू महाराज के संपर्क में रहा तथा उनके आश्रम की गतिविधियों में भी शामिल रहा.
जनता का विश्वास जीतने के लिए इसने "शिव तांडव स्त्रोत" का पाठ किया जिसका वीडियो वायरल भी हुआ था. अपनी प्रसिद्धि का इस्तेमाल करते हुए इसने भरे मंच से ऐसी बात कह डाली जिस से क्षुब्ध होकर वहां मौजूद सनातनी संत उस धर्म संसद का बहिष्कार कर निकल गए.
रायपुर के साथियों, इसके खिलाफ एफआईआर पुख़्ता कीजिए, इसे वो सज़ा दिलवाएं जो इस देश में एक सबब बने, की आप देश की आजादी में योगदान देने वाले सिपाहियों को, खुलेआम गाली बकने पर क्या अंजाम होता है. इस पर नज़र भी रखिए, भागने ना पाए.
कानून तो अपनी जगह अपना काम करेगा ही, किंतु सनातनी हिंदू धर्म को मानने वालों से मेरा केवल इतना सवाल है की हमारे धर्म को बर्बाद करने पर तुले इन पाखंडियों का क्या किया जाना चाहिए ? साथियों, याद रहे ये जहां भी दिखे इसके स्वागत सत्कार में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए !