बताइये ! हिंदुओं को ही देश का सर्वोच्च पद पर बैठे हिन्दू नेता पर भरोसा नही है?
गिरीश मालवीय
'रमज़ान में बिजली आती है तो दिवाली में भी आनी चाहिए. ईद पर बिजली आती तो होली पर भी आनी चाहिए' 2017 में यूपी चुनाव से पहले दिया गया मोदी का यह स्टेटमेंट याद है न आपको !......
तो आपकी जानकारी के लिए बता रहा हूँ कि पिछले दो दिनों से जम्मू शहर का 80 फीसदी इलाका इस भीषण शीतलहर में अंधेरे में डूबा हुआ है और श्रीनगर में बिजली निर्बाध रूप से आ रही है
जम्मू में बिजली जाने का कारण है निजीकरण का विरोध, तथाकथित हिन्दू हृदय सम्राट के राज में जम्मू-कश्मीर पावर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट का पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में विलय और निजी कंपनियों को संपत्ति सौंपने के सरकार के कदम का बीस हजार (हिन्दू) कर्मचारी विरोध कर रहे हैं. ये सारे कर्मचारी शुक्रवार आधी रात से हड़ताल पर हैं.
यह सारे कर्मचारी संपत्ति के निजीकरण, दैनिक वेतन भोगी बिजली कर्मचारियों के नियमितीकरण और वेतन जारी करने के सरकार के फैसले में बदलाव चाहते हैं.
इस हड़ताल से जम्मू शहर सबसे आधी प्रभावित हुआ है बहुसंख्यक हिन्दू जनता का जनजीवन दुश्वार हो गया हैं। 80 फीसदी शहर अंधेरे में हैं। पानी लिफ्ट नहीं हो पाने के कारण घरों में आपूर्ति नहीं हो पाई है। इसके साथ ही पानी के टैंक खाली हो गए हैं।
एटीएम बंद होने के साथ ही मोबाइल टावर बंद होने से संचार व्यवस्था भी गड़बड़ा गई है। मोबाइल चार्ज नहीं होने से लोगों का आपसी संपर्क कट गया है। ठंड में लोग ठिठुरने को मजबूर हैं। वहीं, दुकानदारों को जनरेटर हायर कर काम चलाना पड़ रहा है। सिर्फ जम्मू ही नही बल्कि जम्मू से सटे कई जिलों में बिजली व्यवस्था पूरी तरह ठप है.
बिजली कर्मचारी संघ के महासचिव सचिन टिक्कू ने कह रहे हैं कि "यह संपत्तियों का एक व्यवस्थित हस्तांतरण है जिसका हम विरोध कर रहे हैं. वे ट्रांसमिशन क्षेत्र की संपत्ति बेच रहे हैं और वे पावर ग्रिड को 50% हिस्सेदारी देना चाहते हैं जो जम्मू और कश्मीर के हित के खिलाफ है."
कर्मचारियों का कहना है कि आम लोगों की दिक्कतों से वे वाकिफ हैं लेकिन जान हथेली पर रखकर काम करने वालों के प्रति सरकार की असंवेदनहीनता अब बर्दाश्त से बाहर हो चुकी है। आश्वासनों से काम नहीं चलेगा और अब ठोस फैसले के बाद ही कामकाज सुचारु किया जाएगा। बताइये !......हिंदुओ को ही देश का सर्वोच्च पद पर बैठे हिन्दू नेता पर भरोसा नही है !.....