रेप के मामले में अदालत ने ठोस सुबूत न होने के कारण आरोपी को किया दोषमुक्त
अंबेडकर नगर: ठोस सबूत ना होने पर अदालत ने पास्को एक्ट जैसे गंभीर धाराओं से दोषमुक्त किया। मालीपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्रामसभा आलमपुर अखई का मामला जहां 3 दिसंबर 2017 की घटना गांव में एक मेला लगा हुआ था। पीड़ित ने अपनी शिकायत ही पत्र में लिखा था कि मेले मे उसकी पुत्री गुड़िया जिसकी उम्र 17 वर्ष मेले से ही उदयभान हरिजन पुत्र बद्रीनाथ हरिजन निवासी दुबखर परमरुदायन थाना सम्मनपुर द्वारा गुड़िया को बहला-फुसलाकर भगा ले गया था। जिसमें गुड़िया के पिता रामदीन पुत्र मनराज के द्वारा दिए गए शिकायती पत्र पर मालीपुर थाने में मुकदमा संख्या 240/20 17 धारा 363, 366, 376,3/4 पास्को एक्ट जैसे गंभीर धाराओं में पंजीकृत किया गया।
उदयभान हरिजन पुत्र बद्री हरिजन के अधिवक्ता अवधेश प्रताप श्रीवास्तव ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार कोई शुक्राणु नहीं पाए गए। और पीड़िता के शरीर पर किसी प्रकार की चोट भी नहीं पाई गई। और कोर्ट के समक्ष गुड़िया के द्वारा स्वयं यह कहा गया कि वह अपनी मर्जी से अभियुक्त के साथ गई थी। और वह एक दूसरे को चाहते थे वहां से जाने के बाद दोनों ने विवाह किया और अपनी जिंदगी की नई शुरुआत करना चाहते थे। 2017 से चल रहे मामले मे वादी द्वारा कोई ठोस साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया,
जिस पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश पास्को एक्ट आशीष वर्मा द्वारा अभियुक्त उदय भान को 363, 366, 376, 3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के आरोप से दोषमुक्त किया जाता है। एडवोकेट अवधेश प्रताप श्रीवास्तव ने मीडिया के समक्ष आकर बताया कि यह सत्य की जीत थी और न्यायाधीश के फैसले का सभी को सम्मान करना चाहिए।