क्या आप जानना चाहते हैं सरकार ने अब तक मुफ्त कोरोना टीकाकरण प्रोग्राम में कितनी रकम खर्च की है ?
गिरीश मालवीय
क्या आप जानना चाहते हैं केन्द्र सरकार ने अब तक मुफ्त कोरोना टीकाकरण प्रोग्राम में कितनी रकम खर्च की है ?...एक आरटीआई के जवाब से पता चला है कि भारत सरकार ने 1 मई 2021 से 20 दिसंबर 2021 तक मुफ्त टीकाकरण मे मात्र 19675 करोड़ रुपये खर्च किये हैं।
जी हाँ !..... यानी शुरुआत से अभी तक टोटल 20 हज़ार करोड़ भी खर्च नही किये गए है, जबकि 2021-22 के यूनियन बजट में ही वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था
सामाजिक कार्यकर्ता अमित कुमार की इस आरटीआई के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की कोविड-19 टीकाकरण शाखा ने कहा कि एक मई से 20 दिसंबर के बीच सरकारी कोविड टीकाकरण केंद्रों पर टीके की 117.56 करोड़ खुराक जबकि निजी टीकाकरण केंद्रों पर करीब 4.18 करोड़ खुराक दी गईं है।
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने यह अनुमान लगाया है कि अगर देश में 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को कोरोनावायरस टीका लगाया जाता है तो इस पर केवल 67193 करोड़ रुपये ही खर्च होंगे। भारत की जीडीपी का सिर्फ 0.36 फ़ीसदी हिस्सा कोरोना टीकाकरण पर खर्च होगा। ओर इस खर्च में राज्य सरकारों की बड़ी हिस्सेदारी होगी जिसकी डिटेल बाद में आएगी.....
अब मुफ्त टीकाकरण के नाम पर आपसे वसूला कितना गया है यह भी जान लीजिए !...... क्योंकि बढ़ती हुई महंगाई के पीछे सबसे बड़ा तर्क मुफ्त वैक्सीन का ही दिया जाता है .........
पेट्रोल डीजल ओर घरेलू गैस की बढ़ती कीमतों पर अंधभक्तो यही दुहाई देते हैं कि गैस पेट्रोल ओर डीजल पर टैक्स लगाकर मोदीजी वेक्सीन के खर्च की भरपाई कर रहे हैं !.......
पर क्या आप जानते हैं कि अकेले पेट्रोल डीज़ल पर टैक्स बढ़ाकर केंद्र में बैठी मोदी सरकार ने आपसे मात्र एक साल में 2 लाख करोड़ वसूले है !
आपको याद होगा कि कोरोना से पहले केन्द्र सरकार पेट्रोल पर 19.98 रुपये और डीजल पर 15.83 रुपये का टैक्स वसूलती थी जिसे पिछले साल उसने बढ़ाकर क्रमश: 32.90 रुपये और 31.80 रु कर दिया.......
आरटीआई से ही मिले ब्योरे के मुताबिक 2019-20 में पेट्रोलियम पदार्थों पर करो से होने वाली कुल आय 2,88,313.72 रुपये थी जबकि 2020-21 में पेट्रोलियम पदार्थों से सरकार ने 4,13,735.60 करोड़ रुपये कमाए है
यानी खर्च 60 हजार करोड़ कर रहे हैं और उसके नाम पर वसूली 2 लाख करोड़ की हो रही है जबकि 2019-20 के औसतन 60.47 डॉलर प्रति बैरल के मुकाबले 2020-2021 में उससे 15.55 डॉलर कम दाम पर क्रूड खरीदा गया था यानी यहाँ भी सरकार को बचत हुई लेकिन उसका फायदा जनता को न देकर टैक्स बेतहाशा बढ़ाया गया
मुफ्त वैक्सीन के नाम पर इतनी भयानक लूट चल रही है लेकिन देश का मुख्य मीडिया इतना नालायक हो गया है कि इस तरह की सच्चाई आपके सामने रखने के बजाए मोदी की वाहवाही करता रहता है !.......