Porn देखने की लत ने महिला से करवा दिया ऐसा काम, जिसे जानकर आप रह जायेंगे हैरान
नई दिल्ली : Porn देखने की लत भी ठीक उसी प्रकार है, जैसे कि नशा होता है। यदि शराब, सिगरेट या फिर अन्य किसी भी चीज की एक बार लत लग जाती है, तो वो फिर जल्दी छुटती नहीं है। पोर्न भी ऐसा ही है। कुछ लोगों को इस देखने की ऐसी लत पड़ जाती है कि वो इसे देखे बिना नहीं रह पाते हैं। बहुत से ऐसे लोग हैं, जिनकी इस लत की वजह से जिदंगी खराब हो गई।
ऐसी ही एक महिला ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपनी ये कहानी बयां कि है। महिला ने बताया है कि कैसे पोर्न देखने की लत ने उसकी सेक्स लाइफ को बर्बाद कर दिया। महिला ने पोस्ट पर लिखा, अपनी बेडरूम लाइफ को दिलचस्प बनाने के लिए मैंने पॉर्न देखना शुरू किया। मैं अपने पार्टनर के साथ अच्छा अनुभव लेना चाहती थी और सबसे ज्यादा मुझे ये जानने के इच्छा थी कि मैं जो कर रही हूं, वो सही है या नहीं।
पॉर्न वेबसाइट के बारे में सर्च करते ही मुझे कई सारे ऑप्शन मिल गए। कुछ-कुछ वीडियोज में मुझे वॉयलेंट एक्टिविटी भी देखने को मिली। इन वीडियो में महिलाएं जिस तरह इन एक्टिविटी को एक्सेप्ट कर रही थीं, उससे मुझे ये सब नॉर्मल लगने लगा। मैं ऐसी चीजें ढूंढ रही थी जो मुझे अच्छी भले ना लगे लेकिन उन्हें कूल माना जाये। मैं फिजिकल इंटीमेसी को उसी तरह एंजॉय करना चाहती थी जैसे कि मुझे शॉपिंग के समय महसूस होता है।
मैं ऐसे मूव्स करना चाहती थी ताकि मैं अपने पार्टनर को इंप्रेस कर सकूं। पॉर्न देखकर मुझे लगा कि सेक्स के समय मेरा पार्टनर मेरे साथ कैसा भी व्यवहार करे, भले ही वो हिंसक हो लेकिन मुझे उसे चुपचाप स्वीकार ही करना है। मुझे ये नहीं कहना चाहिए कि मुझे उसकी ये हरकत पसंद नहीं आ रही। मेरे मन में ये ख्याल घर कर चुका था कि नॉर्मल लोग ऐसे ही इंटिमेट होते हैं।
पुरुष जो भी करे, महिला उसे मना नहीं कर सकती। जब मैंने पहली बार संबंध बनाए तो अपने पार्टनर को उन किसी भी हरकतों के लिए मना नहीं कर पाई जो मुझे अच्छी नहीं लग रही थीं। शायद ये मुझ पर पॉर्न का ही असर था। मेरे मन में यही बात थी कि मुझे अपनी तरफ से कुछ मना नहीं करना है। मुझे खुद पर गुस्सा आने लगा था कि मैं कैसे इन चीजों को सामान्य समझने लगी हूं। पॉर्न देखने की वजह से मैं सेक्स एंजॉय करना ही भूल गई।
लेकिन एक वक्त के बाद मुझे इस बात का एहसास हो गया कि पॉर्न से मैंने कोई नए मूव्स नहीं सीखे बल्कि बस इतना जाना कि पुरुष मेरे साथ जो भी करे मुझे उसे एक्सेप्ट करना है। मुझे ऐसा दिखाना है कि मैं उसकी हर हरकतों को एंजॉय कर रही हूं। इंटीमेसी को लोग कैसे लेते हैं, ये सबका निजी अनुभव है लेकिन जहां तक पॉर्न के सेक्स कल्चर का सवाल है, ये मुझे खतरनाक लगने लगा। मैंने महसूस किया कि ये सारी वॉयलेंट एक्टिविटी जानलेवा भी हो सकती हैं। इनका असर मेरे दिमाग पर पड़ने लगा था।
पॉर्न का असर मुझ पर कुछ सालों तक रहा। मैं इसकी वजह से काफी असुरक्षित महसूस करने लगी थी क्योंकि मैं किसी भी वॉयलेंस का विरोध नहीं कर पाती थी। मैं इस फीलिंग को जितना समझना चाह रही थी, पॉर्न वीडियो की वजह से उतनी ही खराब होती जा रही थी।
मेरी कोई भी सहेली पॉर्न देखने के बारे में बात नहीं करती थी। वो प्यार और रोमांस की बातें करती थी जो मुझे ज्यादा नॉर्मल लगता था। मैंने कभी अपने किसी दोस्त को नहीं बताया कि मुझे पॉर्न देखने की लत है। मेरा मन होता था कि मैं पूछूं कि क्या इंटीमेसी के दौरान वॉयलेंट होना भी आम बात है।
अंत में महिला ने लिखा कि पोर्न देखना गलत नहीं है। लेकिन उसमें दिखाये गये आक्रमक और हिंसक हरकरतों पर रोक लगनी चाहिये। इसे देखने के बाद इंसान गलत चीजों को भी सही मानने लगता है।