महमूद गजनवी ने 17 हमलों में भी हिंदुस्तान की हालत वो नही की जो मोदी अपने दो कार्यकाल में कर जाएंगे
गिरीश मालवीय
महमूद गजनवी ने 17 हमलों में भी हिंदुस्तान की हालत वो नही की होगी जो मोदी अपने दो कार्यकाल में कर जाएंगे...... कुल मिलाकर 2024 त 36 सरकारी कंपनियों को बेचने का प्लान है,......LIC का नम्बर लगने ही वाला है......... वैसे सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड की बिक्री से कल सरकार पीछे जरूर हटी है लेकिन उसने प्रोजेक्ट्स & डेवलपमेंट इंडिया लिमिटेड PDIL ओर HLL को बेचने की निविदा पहले से ही निकाल रखी है ......मोदी सरकार लिटमस टेस्ट की तरह पहले छोटे छोटे PSU को बेच रही है
कहने को यह छोटे PSU है लेकिन यह जो काम करते हैं वो बहुत महत्वपूर्ण है इन छोटे PSU की वजह से बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को अपने पाँव जमाने का मौका नही मिल पाता...
PDIL को ही ले लीजिए...... स्वतंत्रता के बाद भारत के लगभग जितने भी यूरिया खाद के प्लांट लगे है और वर्तमान में बन रहे अधिकतर Lpg bottling प्लांट ( आपके घर के सिलेंडर से लेकर कमर्शियल सिलेंडर की फिलिंग के प्लांट) और ऑयल टर्मिनल ( जहां रिफाइनरी से आकर पेट्रोल, डीजल , केरोसीन स्टोरेज करके आपके पेट्रोल पंप पर पहुंचाया जाता है ) ...सभी के डिजाइनिंग, टेंडर, ओर मैटेरियल के चयन का काम PDIL के ही जिम्मे है
पहले दिन खाली मैदान के लेंड सर्वे से लेकर अंतिम दिन तक पर अपने इंजीनियरों को साईट पर भेजकर चौबीसों घंटे ठेकेदार के काम का निरीक्षण करने का काम PDIL ही करता है
मोदीजी द्वारा हाल ही में किए उद्घाटन किए गए गोरखपुर फर्टिलाइजर का भी पूरा सुपरविजन और कंसल्टेंसी PDIL ने की है ...साथ ही सिंदरी, बरौनी और तालचर मे बन रहे मोदी सरकार के बहुप्रचारित आत्मनिर्भर भारत फर्टिलाइजर प्लांट्स की कंसल्टेंसी भी PDIL ही कर रहा है मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी फर्टिलाइजर सब्सिडी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना का पायलट प्रोजेक्ट पी डी आई एल के माध्यम से संपन्न किया गया है
PDIL से सेवा लेने वालों में IFFCO, NFL, HURL , RCF, FCi, IOCL, HPCL , BPCL, GAIL,ONGC, Matrix india जैसी बड़ी बड़ी कंपनिया ओर PSU शामिल हैं......
साफ दिख रहा है कि देश को फर्टिलाइजर, ओयल गैस सेक्टर मे आत्मनिर्भर बनाने वाले में इस छोटे से सरकारी उपक्रम PDIl का बहुत बड़ा योगदान है......अगर ऐसे संस्थान को बेच दिया जाता है तो फिर ऐसे प्लांट बनाने में जो कमीशनबाजी का सिलसिला चलेगा उसकी कोई मिसाल नही होगी........ओर हम इन आधारभूत उद्योगों में एक बार फिर विदेशी कम्पनियों के प्रभुत्व को स्थापित होते देखेंगे जो भारत के भविष्य के लिए बेहद खराब होगा
गोरखपुर फर्टिलाइजर कारखाने के निर्माण की ठेकेदार जापानी कम्पनी टोयो इंजीनयरिंग और तालचर स्थित फर्टिलाइजर फैक्टी का निर्माण ठेकेदार चाइनीज कम्पनी वुहान इंजीनयरिंग है ... लेकिन सुपरविजन सरकारी कंपनी PDIL का है अब सबसे पहले उसे ही ठिकाने लगाया जा रहा ताकि कोई उँगली उठाने वाला नही बचे......
जब हजारों करोड़ के ठेके के निरीक्षण और डिजाइन अनुमोदन करने वाली संस्था ही प्राइवेट हाथो में चली जाएगी तो असल फायदा किसका होगा ? छोटी छोटी प्राइवेट कंसल्टेंसी को मैनेज करना बड़े बड़े हजारों करोड़ के ठेके उठाने वाले विदेशी ठेकेदारों के लिए कितना आसान हो जाएगा ....
यानी 'न रहेगा बाँस न बजेगी बांसुरी'...... PDIL का प्राइवेट हाथों में जाना विदेशी ताकतों के लिए बहुत जरुरी है यही ताकते मोदी के पीछे खड़ी हुई है ......ओर इसीलिए PDIL की बिक्री को रोका जाना बहुत ही जरूरी है