रायबरेली: जान हथेली पर रखकर ग्रामीणों को पार करना पड़ता है मौत का पुल
रायबरेली। एक तरफ जहां केंद्र और प्रदेश सरकार विकास के बड़े-बड़े दावे कर रही है वहीं रायबरेली में आज भी सैकड़ों लोगों को जान जोखिम में डालकर मौत के पुल से गुजरना पड़ रहा है. रायबरेली को वीवीआइपी जिला कहा जाता है। जिला मुख्यालय से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर बसा है राही ब्लॉक का रामपुर बघेल है जहां लोग अपनी जान जोखिम में डालकर पुल को पार करते हैं. जो साफ साफ देखा जा सकता है।
आपको बतादें रायबरेली में विकास के बड़े-बड़े दावे किए गए लेकिन ये दावे उस वक्त फीके पड़ जाते हैं जब लोग अपनी जान की परवाह किए बिना बांस के पुल को पार करते हैं. लोगों ने कई बार इसकी शिकायत शासन और प्रशासन से की लेकिन गांव की जनता को मिले तो सिर्फ खोखले वादे, जिस तरह बरसों बरस से लकड़ी के पुल पर लोग आ जा रहे हैं उससे रायबरेली के विकास के बारे में अंदाजा लगाया जा सकता है.
जहां की सांसद सोनिया गांधी हों और जो विकास के दावे भाजपा की तरफ से किए जा रहे हैं इन दोनों ही स्थितियों में रायबरेली नजरअंदाज की जा रही है. परेशानी लोगों को उठानी पड़ रही है, जीवन की परवाह न करते हुए सौकड़ों की संख्या में लोग और बांस की लकड़ी के पुल से गुजरते हैं. जिसे देखकर ये लगता है कि हम अभी भी 70 साल पीछे हैं।
आपको ये भी बतादें इस पुल पर छोटे-छोटे स्कूली बच्चे भी अपनी जान जोखिम में डालकर लकड़ी के पुल को पार करते हैं. जब इस मामले पर बच्चों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि डर तो बहुत लगता है लेकिन स्कूल जाना भी जरूरी है. तभी एक बच्चे ने ये बताया कि एक बार हम इस पुल को पार करते समय नीचे नहर में गिर गए थे जिसके बाद गांव वालों ने उसे बाहर निकाला. क्या सरकार को इन नौनिहालों की पुकार नहीं सुनाई देती. बच्चों ने सरकार से मांग की है कि पुल का जल्द से जल्द निर्माण करा दें जिससे उन्हें स्कूल आने-जाने में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो।