क्या स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान को भुला पाएंगे मुसलमान?
योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा का दामन छोड़ दिया है. मौर्य समाजवादी पार्टी की टिकट पर विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) लड़ सकते हैं. हालांकि, अभी तक इस बात की औपचारिक घोषणा नहीं हुई है. उत्तर प्रदेश में मुस्लिम समुदाय की आबादी 20 फीसद से ज्यादा है. विधानसभा की दर्जनों सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं.
खास बात यह है कि सपा की मुस्लिम मतदाताओं पर अच्छी-खासी पकड़ मानी जाती है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने तीन तलाक पर काफी विवादित बयान दिया था. अब ऐसे में सवाल उठता है कि यदि स्वामी प्रसाद मौर्य सपा में शामिल होते हैं तो क्या मुस्लिम मतदाता उनसे बिदकेंगे? या फिर मुस्लिम समुदाय ने तकरीबन 5 साल पहले तीन तलाक के मुद्दे पर स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा दिए गए बयान को भुला दिया है.
दरअसल, स्वामी प्रसाद मौर्य ने अप्रैल 2017 में तीन तलाक के मुद्दे पर काफी विवादित बयान दिया था. स्वामी प्रसाद मौर्य उस वक्त योगी कैबिनेट में मंत्री थे. बस्ती में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि मुस्लिम तीन तलाक का इस्तेमाल पत्नियां बदलने और अपनी हवस मिटाने के लिए करते हैं.
उन्होंने कहा था, ‘तीन तलाक का कोई आधार नहीं है. अगर कोई सिर्फ अपनी हवस शांत करने के पत्नी बदल रहा है और पत्नी-बच्चों को सड़क पर भीख मांगने को मजबूर कर रहा है, तो इसे कोई अधिकार नहीं कहेगा.’ जनसभा को संबोधित करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि बीजेपी ऐसी मुस्लिम महिलाओं के साथ है, जिन्हें बेवजह और मनमाने ढंग से तीन तलाक दिया गया.