चुनावी घोषणा की वजह से बिजली उपभोक्ताओं ने बकाया बिल देना किया बंद, जानें वजह
उत्तर प्रदेश में पॉवर कारपोरेशन (power corporation) ने बिजली के बकाएदारों के लिए एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) शुरू की थी. शुरू में काफी संख्या में बिजली उपभोक्ता (electricity consumer) योजना का लाभ उठाने के लिए आ रहे थे. लेकिन चुनावी सुगबुगाहट शुरू होने और पार्टियों द्वारा फ्री बिजली देने की घोषणा के बाद कम संख्या में बकाएदार आ रहे हैं. बकाएदारों को उम्मीद है कि घोषणा करने वाली सरकारें सत्ता में आईं तो हो सकता है, बकाया बिजली का बिल माफ (electricity bill waived) हो जाए.
समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी ने प्रदेश में सरकार बनाने पर 300 यूनिट बिजली फ्री करने की घोषणा की है. राजनीति के गलियारों में इस बार बिजली का बिल अहम मुद्दा है, जिसके सहारे मध्यम वर्गीय परिवारों तक पहुंचने का काम राजनीतिक दल कर रहे हैं.
आचार संहिता लगने से पहले किसानों की बिजली दर में कटौती कर भाजपा ने भी बिजली पर सियासी दांव खेला है. इस वजह से योजना में शामिल होने वाले बकायेदारों को चुनाव बाद अपने बिल माफ होते दिख रहे हैं. गाजियाबाद जिले में एक लाख 36 हजार बकायेदारों से अभी पॉवर कॉरपोरेशन को वसूली करनी है.
पॉवर कॉरपोरेशन के मुख्य अभियंता एसके पुरवार ने बताया कि पहले एक महीने तेजी से बढ़ी योजना अब चुनावी माहौल में सुस्त रफ्तार पर है. योजना की आखिरी तारीख 31 जनवरी है. इसके बाद शायद ही योजना की तारीख को बढ़ाया जाए. गाजियाबाद जिले में दो लाख 73 हजार बकायेदार 275 करोड़ की वसूली के लिए ओटीएस के लिए चिह्नित किए गए थे.
इन बकायेदारों ने कनेक्शन लेने की तारीख से सितंबर 2021 तक का बिल ही जमा नहीं किया. बिजलीघरों से लगातार इन बकायेदारों से संपर्क किया गया. राजनीतिक पार्टियों की घोषणा के बाद बकायेदार बिल जमा करने में आनाकानी कर रहे हैं.