मोदी जी के लिए शवों का अंतिम संस्कार भी रोका जा सकता है, गंगा की धारा भी मोड़ी जा सकती है?
सौमित्र रॉय
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोटू खिंचवाने का बड़ा शौक है। शौक इतना बड़ा कि उसे पूरा करने के लिए शवों का अंतिम संस्कार भी रोका जा सकता है और गंगा मैया की धारा भी मोड़ी जा सकती है।
जी हां। यह हुआ है काशी विश्वनाथ की नगरी बनारस में। 13 दिसंबर को मोदी जिस ललिता घाट में एचडी कैमरों के बीच डुबकी लगा रहे थे और देश भर में उनके भक्त तमाशा देख रहे थे, तभी एक बड़ा भूचाल आया है। भगवान शिव के माथे पर अर्धचंद्र की तरह बहने वाली मां गंगा की धारा ही बदल गई है।
महादेव के शहर में जब गंगा प्रवेश करती है तो शहर के घाटों को छूती हुई अर्धचंद्राकार आकार लेकर बहती है। गंगा का उत्तरवाहिनी स्वरूप यहीं देखने को मिलता है। यह ललिता घाट से शुरू होता है। लेकिन मोदीजी के स्नान की फोटू खींचने के लिए बगल के मणिकर्णिका घाट में शवों का दाह-संस्कार ही नहीं रोका गया। ललिता घाट में ही बाबा विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के लिए तोड़े गए मंदिरों और निर्माण सामग्री का सारा मलबा लाकर डाल दिया गया।
अब पांच सौ मीटर का यह गलियारा फूड कोर्ट, लाइब्रेरी, टूरिस्ट सुविधाएं जैसी कई नई इमारतों का गवाह बनेगा। यानी फिर हज़ारों टन मलबा ललिता घाट पर डलेगा। डाले गए मलबे को आधार बना कर एक जेट्टी का निर्माण किया जा रहा है. जेट्टी सौ फीट लंबी और डेढ़ सौ फीट चौड़ी होगी। पर्यटक समूहों से लदी क्रूज इसी जेट्टी पर उतरेगी और पर्यटक सीधे बाबा के दरबार में पहुंच जाएंगे।
धारा के भीतर तक घुसकर बनाई जा रही इस जेट्टी के कारण ललिता घाट पर गंगा के बहाव का अर्धचंद्राकार स्वरूप भी बिगड़ गया क्योंकि घुमाव की जगह ही नहीं बची है। नदी वैज्ञानिक प्रोफेसर यूके चौधरी कहते हैं कि इस बांधनुमा निर्माण से गंगा के वेग में कमी आएगी और गंगा घाटों को छोड़ देगी। इससे दशाश्वमेध से लेकर अस्सी तक बालू व सिल्ट भारी मात्रा में जमा हो जाएगी।
जनवरी 2020 के विश्वनाथ कॉरिडोर निर्माण के लिए अनापत्ति पत्र देते समय जिला कलेक्टर ने साफ लिखा है कि किसी भी तरह का मलबा गंगा में नहीं डाला जाएगा और न ही बहाव को बाधित किया जाएगा। लेकिन वास्तविकता मे प्रशासन ने अपने ही आदेश की धज्जियां उड़ा दी। सिर्फ़ इसलिए, क्योंकि मोदीजी को ललिता घाट पर डुबकी लगानी थी।
भारत में धनाढ्यों के लिए शौक बड़ी चीज़ है। फिर ये तो मोदीजी हैं। भगवान शिव भी उनके सामने कुछ नहीं। मां गंगा को भी धारा बदलनी होगी, क्योंकि मोदीजी ऐसा चाहते हैं। लेकिन उन्हें नहीं मालूम कि इससे उपजा सैलाब बनारस को तबाह कर देगा।
(वैसे भी यूपी की ज़मीन जहरीला पानी उगल रही है-ग्राफ़िक्स)