हिन्दुस्तान की बर्बादी की जब कभी चर्चा होगी इस आदमी का नाम सबसे ऊपर लिखा जाएगा
आवेश तिवारी
हिन्दुस्तान की बर्बादी की जब कभी चर्चा होगी इस आदमी का नाम सबसे ऊपर लिखा जाएगा। इसने पागल हो चुके कुत्तों को हम हिन्दुस्तानियो के ऊपर छोड़ दिया है क्योंकि यह जानता है कि नफरती कीड़ों के बाप का हाथ इसके सिर पर है। यह अरुण पुरी हैं।
अबसे थोड़ी देर पहले मैं आज तक का ट्वीटर पेज देख रहा था जिस पर नम्बरी, विक्षिप्त, त्रिजटा सदृश्य, मूढ़ श्वेता सिंह पंजाब के सीएम पर प्रधानमंत्री के खिलाफ अमर्यादित शब्दों के प्रयोग का झूठा आरोप लगा रही थी। इसने श्वेता के झूठ को नही हटाया
विकिपीडिया के पेज पर जब अरुण की प्रोफाइल देखेंगे तो पहली लाइन लिखी मिलेगी कि यह एक भारतीय व्यापारी हैं। लेकिन हकीकत यह है कि चार्टर्ड एकाउंट की पढ़ाई करने वाले अरुण पुरी खुद को हिन्दुस्तानी मीडिया के माई बाप समझते हैं। यह ऐसा इसलिए समझते हैं क्योंकि आप सबने एक स्वतंत्र मीडिया की चाह कभी नहीं रही है।
जब अटल जी की सरकार थी तब इन्हें पद्मभूषण मिला अब इन्हें मुगालता है कि बीजेपी की सरकार इन्होने ही बनवाई है और आगे भी देश में मोदी राज इनके ही दम ख़म पर कायम रहेगा। जब मैं कहता हूँ कि भाजपा ने पत्रकारों को सर्वाधिक भ्रष्ट बनाया है तब मैं यह भी कहना चाहता हूँ कि इस भ्रष्टाचार का केंद्र बिंदु इंडिया टुडे ग्रुप है।
अरुण पुरी जो कि अपने अंग्रेजी के नाम में Aroon संभवतः इसलिए लिखते हैं कि उनका नाम अरुण जेटली या फिर अरुण नेहरु जैसा लिया जाए पत्रकारिता में हमेशा से अभिनव प्रयोग करते रहे हैं। दिलीप के मंडल से सेक्स विशेषांक यही निकलवा सकते थे।
यह विशुद्व व्यापारी होने के बावजूद इंडिया टुडे ग्रुप के एडिटर इन चीफ रह चुके हैं अब पत्रकारों को व्यापारी बना रहे हैं। आज जो देश में हालात हैं इसके लिए कहीं न कहीं से यह खुद भी जिम्मेदार हैं क्योंकि इन्होने अपने चैनल और चैनल के पत्रकारों का इस्तेमाल करके पढ़े लिखे लोगों के बीच झूठे फर्जी समाज विरोधी देश विरोधी नैरेटिव गढ़ने का काम किया।
अब सवाल उठता है कि दरअसल अरुण पुरी के साथ इस पूरे खेल में और कौन कौन शामिल है। जवाब बहुत सीधा है कि जिन लोगों ने इंडिया टुडे ग्रुप में पैसा लगाया है वो सारे लोग अरुण पुरी के पीछे खड़े हैं। आप जानते ही होंगे बिड़ला समूह की इंडिया टुडे ग्रुप में 27.5 फीसदी की हिस्सेदारी थी अब यह हिस्सेदारी बढ़कर 33.8 फीसदी हो गई है। मारुति सुजुकी के लिए सीट बनाते बनाते आजकल पीपीई किट बना रहे अशोक कपूर भी लिविंग मीडिया के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स में से हैं।
दरअसल यह जो इंडिया टुडे ग्रुप कर रहा है उसके पीछे अम्बानी और बिडला ग्रुप की प्रतिस्पर्धा भी है कि कौन मोदी जी का कितना दिल जीत सकता है ? अरुण पुरी की देख रेख में दिल जीतने का यह सेवा कार्य चल रहा है।
आप देखते रहिये। यह इतने चालाक लोग हैं कि इन्हें सत्ता परिवर्तन की भनक भी लगी यह तुरंत अपना स्टैंड बदल देंगे और जिन एंकर्स को अभी दूध मलाई खिला रहे हैं उनको लात मारकर बाहर कर देंगे। यह नौबत हमे आने ही नहीं देनी है इसके पहले ही इनके चैनल इनके कंटेंट का पुरजोर विरोध करना है।
याद रखिये इनकी नियत ठीक नहीं है। सत्ता के गलियारों में जहाँ खबर होती हैं वहां यह दलाल फिट कर देते हैं। यह खतरनाक है बेहद खतरनाक। मेरे कुछ मित्र हाल ही में इंडिया टुडे से जुड़कर गंगा नहाए हैं।