जेल से रिहा हुए अब्दुल्ला आजम, बोले- जेल में उनके साथ हो रहा था जुल्म
सीतापुर। सुबह से आजम खान के समर्थक जिस घड़ी का इंतजार कर रहे थे, आखिर वह घड़ी आ गई. आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान जेल से रिहा हो गए. रिहा होने के बाद अब्दुल्ला आजम पूर्व विधायक अनूप गुप्ता के आवास पर पहुंचे. यहां पर पहले से ही काफी संख्या में उनके समर्थकों का तांता लग हुआ था. उनके समर्थक अब्दुल्ला आजम की रिहाई से बेहद खुश नजर आए.
गौरतलब है कि सीतापुर की जेल में बंद समाजवादी पार्टी के सांसद मोहम्मद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला की रिहाई को लेकर शनिवार सुबह से ही कयास लगाए जा रहे थे. जेल से छूटने के बाद अब्दुल्ला आजम ने बीजेपी में टूट पर बड़ा बयान दिया. उन्हें परेशान किया जा रहा था, उनपर जुल्म हो रहे थे, इसलिए वे सब समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए. बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य समेत कई मंत्री और विधायक सपा में शामिल हुए हैं.
जेल से रिहा होते ही अब्दुल्ला आजम ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा में सभी परेशान हैं, इसलिए वे पार्टी छोड़ रहे हैं. साथ ही उन्होंने जेल में बिताए दिन को लेकर कहा कि उनके साथ आतंकवादी जैसा व्यवहार होता था. अब्दुल्ला आजम ने विधानसभा चुनाव लड़ने का भी ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि मैं चुनाव लड़ूंगा और जीतूंगा भी. साथ ही उन्होंने कहा कि इस बार अखिलेश यादव ही फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे. बस 10 मार्च का इंतजार कीजिए.
अब्दुल्ला आजम 26 फरवरी 2020 से जेल में बंद थे और उनके खिलाफ लगभग 43 मुकदमे दर्ज थे. खबरों के अनुसार, उनके खिलाफ चल रहे सभी मुकदमों में उन्हें कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. उधर, उनके पिता आजम खान को अब भी जेल में रहना पड़ेगा. वे भी सीतापुर जेल में बंद हैं और उन पर चल रहे मुकदमों में अभी उनको जमानत नहीं मिल पाई है.
बता दें कि अब्दुल्ला ने सपा के टिकट से रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से 2017 में चुनाव लड़ा था. वे यहां से जीत गए थे और विधायक की कुर्सी पर कब्जा किया था. यहां तक सब ठीक था लेकिन कांग्रेस प्रत्याश नवाब काजिम और वेद मियां ने उनकी उम्र को लेकर शिकायत की थी. इस शिकायत के दम पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला का निर्वाचन रद्द कर दिया था. यह मामला अब भी कोर्ट में है.
खान की रिहाई से सपा को थोड़ी राहत मिली होगी. गौर करने वाली बात यह है कि जनप्रतिनिधित्व कानून में इस बात का प्रावधान है कि अगर किसी चुने हुए जनप्रतिनिधि को किसी फौजदारी मामले में दो साल से ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उसके 6 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लग जाती है. अब्दुल्ला आजम को अभी तक किसी भी आपराधिक मामले में सजा नहीं हुई है.