चुनावी ऐलान के बाद पर्दे में दिखीं BSP सुप्रीमो मायावती, जानिए क्या है माजरा
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प है. सभी दल एक दूसरे को मात देने के लिए चुनावी मैदान में कड़ा संघर्ष कर रहे हैं. इस बार एक बात और खास है. बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और उनकी सरकार की तरफ से बने स्मारकों में लगे पार्टी के चुनाव चिन्ह हाथियों को नहीं ढ़का जाएगा।
हालांकि मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के तहत बसपा सुप्रीमो की मूर्ति को केवल कवर किया जाएगा. गौरतलब है कि पिछली बार सभी को ढ़क दिया गया था. उधर, पिछले कुछ समय से मायावती की ओर से आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर कुछ कहा नहीं गया है. उनकी चुप्पी को लेकर विभिन्न कयास लगाए जा रहे हैं.
मंगलवार को एडीएम वित्त के आदेश पर मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट (एमसीसी) के प्रभारी ने आदेश जारी किए. एडीएम नितिन ने नोएडा प्राधिकरण को राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल में लगी बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती की दोनों मूर्ति को कवर करने के निर्देश दिए. आदेश मिलने के बाद मूर्तियों को देर रात ढक दिया गया.
बता दें कि मंगलवार को टीम राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल पर पहुंची थी. लेकिन मूर्ति कवर करने के लिए पॉलिथिन नई नहीं होने पर बिना कवर किए ही टीम वापस लौट आई. बुधवार को नई पॉलीथीन लेकर टीम दोबारा दलित प्रेरणा स्थल पर पहुंची और मूर्ति को कवर किया. दलित प्रेरणा स्थल पर लगी बसपा सुप्रीमो मायावती की मूर्ति को अब पॉलीथीन से कवर कर दिया गया है. फिलहाल चुनाव सम्पन्न होने तक यह मूर्ति ढकी रहेंगी.
बता दें नोएडा में बने प्रेरणा स्थल की जांच चल रही है. जांच टीम ने 2009 से 2012 तक नोएडा अथॉरिटी में रहे सीईओ, एसीईओ और अन्य इंजीनियर्स के नाम और पदनाम समेत पूरी जानकारी मांगी है. गौरतलब है लोकायुक्त की जांच रिपोर्ट में 1400 करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आई थी. इसमे लखनऊ में बना प्रेरणा स्थल भी शामिल है.