स्कूल बंद हुए तो यहां की लड़कियां होने लगीं pregnant, वजह जानकर सरकार के उड़े होश
नई दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी ने बीते दो सालों से दुनिया भर में कोहराम मचा रखा है। जैसे ही जिदंगी थोड़ी पटरी पर लौटती है, वैसे ही फिर से महामारी का आतंक शुरु हो जाता है। इस महामारी से निपटना दुनिया भर के देशों के लिये परेशानी का कारण बन चुका है। लेकिन जिम्बाब्वे में कोरोना महामारी के साथ-साथ वहां की सरकार के लिये एक और बड़ी परेशानी सामने आ गई है। कोरोना काल के दौरान जैसे ही वहां की स्कूले बंद हुईं कम उम्र के लिये प्रेग्नेंट (pregnant) होने लगीं।
जारी एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कोरोना महामारी के प्रकोप ने में यहां सबसे ज्यादा स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियां प्रेग्नेंट हुई हैं। डेढ़ करोड़ की आबादी वाले इस देश में मार्च 2020 से लॉकडाउन लगा है। पहले तो 6 महीने के लिए स्कूलों को पूरी तरह बंद कर दिया था और उसके बाद बीच-बीच में उन्हें फिर से खोल दिया गया था। खासकर लड़कियों को ऐसे ही छोड़ दिया गया और गर्भ निरोधक दवाएं और क्लीनिकों तक इनकी पहुंच खत्म कर दी गई जिससे ये तेजी से प्रेग्नेंट होने लगीं।
इसके बाद अगस्त 2020 में स्कूल में प्रेग्नेंट लड़कियों की संख्या बढ़ने के बाद उन्हें स्कूल आने के लिए मना कर दिया गया था। हालांकि बाद में इस नियम को बदल दिया गया था लेकिन फिर भी ऐसी छात्राएं स्कूल नहीं लौटीं।
आपको बता दें कि जिम्बाव्वे में शादी का कोई कानून नहीं है। यहां किसी भी उम्र में शादी कर सकते हैं। इसलिये छोटी उम्र में यौन संबंध बनाना यहां आम बात है। इस देश में शादी के लिये दो ही कानून है। एक है विवाह एक्ट और दूसरा है ट्रेडिशनल मैरिज एक्ट। कोई भी कानून विवाह की सहमति के लिए ये नहीं बताता कि शादी के लिये कम से कम कितनी उम्र होनी चाहिये। यहां ज्यादातर लोग 14-15 साल की उम्र में अपनी बेटियों की शादी कर देते हैं।