चुनाव चिन्ह RLD का और चुनाव लड़ेंगे सपा नेता, जानें किस मजबूरी का शिकार हुए जयंत चौधरी
सपा और रालोद का गठबंधन (SP-RLD Alliance) होने के बाद जब टिकट का बंटवारा शुरू हुआ तो पहले जारी की गई लिस्ट के बाद से ही क्षेत्र गांव देहात में टिकटों का यह बंटवारा चर्चा का विषय बन गया. सवाल उठने लगे कि आखिर जयंत की क्या मजबूरी थी कि गठबंधन होने के बाद उन्होंने अपने सिंबल पर समाजवादी पार्टी के नेताओं को प्रत्याशी बनाया है. यहां किसी मुस्लिम चेहरे पर भी दांव नहीं लगाया गया है. जाट और मुस्लिम समीकरण के बीच बीजेपी को मात देने की पूर्व की योजनाओं को लेकर भी यहां सियासी सुर्खियां बनने लगी हैं.
मुजफ्फरनगर में 6 विधानसभा सीट हैं, जिन पर समाजवादी पार्टी ने अभी तक एक प्रत्याशी के रूप में पंकज मालिक को चरथावल से प्रतयाशी बनाया हैं जो अपने ही सिंबल (चुनाव चिन्ह-साइकिल) से चुनाव लड़ेंगे. वहीं राष्ट्रीय लोक दल ने बुढाना विधानसभा पर अपने सिंबल (चुनाव चिन्ह-नल) पर अपना ही प्रत्याशी राजपाल बालियान को उतारा है. मगर बाकी विधानसभा सीटों पर राष्ट्रीय लोक दल के सिंबल पर समाजवादी पार्टी के नेताओं को प्रत्याशी बनाया गया है.
इनमें खतौली विधानसभा से राष्ट्रीय लोक दल के सिंबल पर बसपा छोड़कर सपा में शामिल हुए पूर्व सांसद राजपाल सैनी को प्रत्याशी बनाया गया है. जिसके बाद से अंदरूनी तरीके से खतौली विधानसभा पर पिछले काफी सालों से मेहनत कर रहे नेताओं के चेहरे लटक गए हैं. वहीं दूसरी तरफ मीरापुर विधानसभा सीट पर भी कुछ इसी तरह से प्रत्याशी घोषित किया गया, जिसमें राष्ट्रीय लोकदल के सिंबल पर समाजवादी पार्टी के नेता चंदन चौहान को प्रत्याशी बनाया गया है. वह पूर्व सांसद संजय चौहान के पुत्र हैं.
पुरकाजी विधानसभा पर भी सिंबल तो राष्ट्रीय लोक दल का इस्तेमाल किया गया है, जबकि प्रत्याशी बसपा छोड़कर सपा में शामिल हुए 2 बार विधायक रह चुके अनिल कुमार को दिया गया है. यानी पुरकाजी विधानसभा पर भी राष्ट्रीय लोकदल के सिंबल पर समाजवादी पार्टी के नेता अनिल कुमार चुनाव लड़ेंगे. यही नहीं बल्कि सदर विधानसभा सीट पर जो टिकट घोषित किया गया है उस पर भी प्रबल संभावना यही जताई जा रही है कि सिंबल तो राष्ट्रीय लोक दल का होगा और प्रत्याशी जो बनाया गया है वह समाजवादी पार्टी के नेता सौरभ स्वरूप उर्फ बंटी को घोषित किया गया है.
चरथावल विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी ने अपने सिंबल पर पंकज मलिक को चुनावी मैदान में उतारा है. यानी कि कुल मिलाकर मुजफ्फरनगर के 6 विधानसभा सीट की बात करें तो यहां पर राष्ट्रीय लोक दल पहली पसंद थी. बावजूद उसके राष्ट्रीय लोक दल के सिर्फ एक ही प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे. बाकी 5 विधानसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी घोषित किए गए हैं. सिर्फ सिम्बल रालोद का होगा जोकि जाटलैंड में तरह-तरह की चर्चाओं का विषय बना हुआ है.
मुस्लिम को नहीं बनाया प्रत्याशी
जाट और मुस्लिम के नाम पर तैयार किया गया सपा रालोद गठबंधन कितना कारगर साबित होगा यह आने वाले वक्त पर निर्भर है, मगर जनपद की सभी 6 सीटों पर गठबंधन की तरफ से एक भी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं बनाया गया है. इस वजह से एक बड़े मुस्लिम खेमे में इस बात को लेकर नाराजगी है.