अनोखी शर्त: अगर SDM कोर्ट से जमानत चाहिए तो पहले जमा करने होंगे 100 मास्क
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हापुड़ (Hapur) जनपद की सदर तहसील में तैनात एक एसडीएम का अनोखा फ़रमान इन दिनों ख़ूब चर्चाओ में है. एसडीएम साहब ने कोर्ट में 151 की कार्रवाई के तहत आने वाले आरोपियों को जमानत देने के लिए एक ऐसी शर्त रखी है जो इन दिनों सुर्खियां बटोर रही है. कोरोना की तीसरी संभावित लहर को देखते हुए एसडीएम ने 151 की कार्रवाई में आरोपियों को जमानत के तहत उनके कार्यालय में 50 से 100 मास्क जमा करने की शर्त रखी है. एसडीएम कार्यालय में जमा होने वाले मास्क गरीब लोगों में बांटे जायेंगे.
दरअसल 151 शांतिभंग जैसी धाराओं में पुलिस आरोपी को एसडीएम मजिस्ट्रेट के सामने पेश करती है. वहां एसडीएम ही उस मामले में जमानत देता है. इसी पर कोरोना वायरस संक्रमण पर एसडीएम ने जमानतियों के लिए अजब शर्त रखी है. इसमें उन्हें कोरोना से बचाव के लिए मास्क जमा कराना है. अब तक एसडीएम कार्यालय में करीब 20 से 25 लोग इस अनोखी शर्त के तहत 50 से 100 मास्क जमा भी करा चुके हैं.
कहा जा रहा है कि कोरोना की दूसरी लहर में एसडीएम कोरोना की चपेट में आ गए थे, तभी से वे कोरोना की रोकथाम के लिए कार्य कर रहे हैं. इसी के चलते एसडीएम साहब ने 151 की कार्रवाई के तहत उनकी कोर्ट में आने वाले आरोपियों को मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की शपथ दिलाने के साथ-साथ 151 में पाबंद आरोपियों से 50 से 100 मास्क उनके कार्यालय में जमा करने की मौखिक शर्त रखी है.
समाज में शांति भंग करने वाले लोगों के लिए पुलिस 151 की कार्रवाई करती है. पुलिस मारपीट के छोटे मामलों सहित पारिवारिक झगड़ों या अन्य ऐसे मामलों में पुलिस आरोपियों के विरुद्ध 151 की कार्रवाई करती है, जिसके बाद पुलिस आरोपियों को एसडीएम/ मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करती है. सुनवाई के दौरान एसडीएम को अधिकार होता है कि वे आरोपी को जमानत भी दे सकते हैं या फिर जेल भेज सकते हैं.
एसडीएम दिग्विजय सिंह का क्या है कहना
अनोखी शर्त के बारे में एसडीएम दिग्विजय सिंह का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर का खतरा बना हुआ है. इसी के चलते उनकी कोर्ट में 151 के तहत आने वाले आरोपियों को कोरोना से बचाव व मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की प्रतिज्ञा दिलाई जाती है. साथ ही आरोपियों से 50 या 100 मास्क जमा कराए जाते हैं. यह कोरोना से जागरुकता के लिए किया जा रहा है.