इस महिला के हौसले को सलाम, 5 बदमाशों से अकेली भिड़ गई, पति और बच्चों को भी बचाया
हिसार। हरियाणा की महिलाओ के लिए प्रसिद्ध है कि वे काफी दिलेर होती है। यह साबित कर दिया हिसार शहर की एक महिला ने जो अपनी जान की परवाह न करते हुए 5 बदमाशों से अकेले भिड़ गई। बदमाश महिला के दो बच्चों और पति का अपहरण करने का प्रयास कर रहे थे।
जानकारी के अनुसार हिसार के राजगढ़ रोड नाक के पास सेक्टर 16-17 मोड़ पर नशे में धुत्त कार सवार युवकों ने एक दंपती का रास्ता रोककर उनके साथ मारपीट की। यहीं नहीं बदमाशों ने महिला के अपहरण का भी प्रयास किया और बीच में आए पुलिसकर्मी का गिरेबान पकड़ कर उसे दूर फेंक कर मारा। करीब आधे घंटे तक महिला बदमाशों से जुझती रही। उसने एसपी को सूचना दी गई तो पीसीआर मौके पर पहुंची, जिसके बाद कार सवार बदमाश पांचों युवक वहां से फरार हो गए। घायल महिला और उसके पति को सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया। वहीं सिविल लाइन थाना पुलिस मामले में जांच कर रही है।
मामले में पीड़िता आजाद नगर निवासी प्रियंका कोचर ने बताया कि वह कैंप चौक पर एक इवेंट कंपनी चलाती है। उसने मिडटाउन में एक कार्यक्रम करवाया था। प्रियंका ने बताया कि वह अपने पति भरत और दो बच्चों 13 साल के केशव और 10 महीने के देव के साथ कार में मिडटाउन जा रही थी। उसी दौरान राजगढ़ रोड नाक पर सेक्टर 16-17 की तरफ मुड़ते ही एक कार उनकी कार के आगे आकर रुक गई। उस दौरान उसके पति ने जैसे ही गाड़ी का शीशा नीचे किया तो सामने वाली गाड़ी से पांच युवक उतरे। उन्होंने आते ही उसके पति के साथ मारपीट शुरु कर दी। उसने देखा कि उनमें से एक युवक के पास हथियार था।
उस दौरान बदमाशों ने उसके पति के कपड़े फाड़ दिए और उसके साथ मारपीट की। पीड़िता ने बताया कि उस दौरान वह अपने पति और बच्चों को बचाने का प्रयास करने लगी तो आरोपिताें ने उससे भी मारपीट शुरु कर दी। उसके 10 महीने के बच्चे को भी मारा, वे पूरी तरह नशे में धुत्त थे। गाली-गलौच की और आपत्तिजनक शब्द भी बोले। उसने अकेले उन सभी लोगों को सामना किया। वे बार-बार उसका गाड़ी में अपहरण करने की भी कोशिश कर रहे थे। इसके बाद वहां लगातार भीड़ बढ़ती गई। वहीं सिविल लाइन थाना इंचार्ज रमेश ने कहा कि साइड देने को लेकर ही झगड़े की बात सामने आई है। अपहरण करने का मामला नजर नहीं आ रहा है। बाकी जांच जारी है।
उस दौरान वहां नाके पर तैनात पुलिसकर्मी आया तो आरोपितों ने गिरेबान पकड़ कर पुलिसकर्मी को ही दूर फेंक दिया। पीड़िता ने बताया कि उसने 100 नंबर, 112 नंबर पर फोन किया। लेकिन रिस्पांस नहीं मिला। इसके बाद एसपी को फोन किया। उन्होंने फोन रिसीव किया, इसके बाद पीसीआर मौके पर पहुंची। उसे और पति को काफी चोटे आई है। मारपीट के दौरान उसके 10 महीने का बच्चा भी काफी देर बेसुध रहा। प्रियंका ने बताया कि वहां कैमरे लगे है। लेकिन उसे पता लगा है वहां कैमरे काम नहीं कर रहे है। वहां लोगाें की भीड़ की वजह से उनकी जान बच पाई।
सूचना मिलने पर भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष प्रदीप भानखड़ मौके पर पहुंचे। और पीड़िता से मामले की जानकारी ली। जिलाध्यक्ष प्रदीप भानखड़ ने बताया कि इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं की गई तो रोष प्रदर्शन किया जाएगा।