कोर्ट में हुई गवाही तो बयान से मुकरे माता पिता, लेकिन जज ने इस बात पर आरोपी को दी कठोर सजा
पानीपत। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुमित गर्ग (फास्ट ट्रैक कोर्ट-पोक्सो) ने 14 साल की किशेारी का अपहरण, दुष्कर्म केस में दोषी को सात साल कठोर सजा सुनाई है। दोषी पर विभिन्न धाराओं में 25 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। इस केस में पीडि़ता के माता-पिता भी गवाही में मुकर गए थे। कोर्ट ने फैसले में कहा कि बच्ची के साथ गलत हुआ है, वह बयान दे चुकी है। डीएनए की रिपोर्ट भी मैच है, सजा तो बनती है।
पीडि़ता पक्ष की ओर से पैरवी सरकारी वकील सुरेंद्र दहिया ने की है। जिला न्यायवादी राजेश कुमार चौधरी ने बताया कि 21 जुलाई 2019 को माडल टाउन थाना में एक महिला ने शिकायत की थी। उसने बताया था कि मेरी 14 साल की बेटी घर की छत पर सो रही थी। दोपहर 12.30 बजे कृपा शंकर निवासी गाबा कालोनी (मूल वासी गांव उकराहा, जिला बस्ती उप्र.) छत पर पहुंचा और बेटी का मुंह दबाकर एक कमरे में ले गया।
उसने किशोरी के साथ दुष्कर्म किया। शोर सुनकर मैं कमरे में पहुंची तो वह भाग गया। भागने से पहले उसने बेटी को जान से मारने की धमकी भी दी थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने इस केस में पीडि़ता, उसके माता-पिता सहित 18 गवाह बनाए थे। 14 ने कोर्ट में गवाही दी थी, किशोरी के माता-पिता भी गवाही में मुकर गए थे।
कोर्ट ने दोष की गंभीरता, पीडि़ता के बयान और फोरेंसिक लैब से मिली डीएनए मैच की रिपोर्ट के आधार दोषी को सजा और जुर्माना सुनाया है। जुर्माना की रकम 25 हजार रुपये में से 20 हजार पीडि़ता को मिलेंगे। एक लाख रुपये प्राथमिक क्षतिपूर्ति के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को लिखा गया है।
धाराएं, सजा और जुर्माना
4 पोक्सो एक्ट : सात साल कठोर सजा, 10 हजार जुर्माना। न देने पर छह माह अतिरिक्त कठोर सजा।
376 आइपीसी : सात साल कठोर सजा, 10 हजार जुर्माना। न देने पर छह माह अतिरिक्त कठोर सजा।
365 आइपीसी : तीन साल कठोर सजा, पांच हजार जुर्माना। न देने पर तीन माह अतिरिक्त कठोर सजा।
506 : एक साल कठोर सजा।
जिला न्यायवादी राजेश कुमार चौधरी ने कहा कि पानीपत में फास्ट ट्रैक कोर्ट-पोक्सो की बात करें तो फरवरी में ही चार केसों में सजा सुनाई जा चुकी है। दो को तो मृत्युदंड भी दिया गया है। संर्कीण-बीमार मानसिकता वालों के लिए यह कठोर सबक है।