विधानसभा चुनाव का नतीजा जो भी हो लेकिन प्रियंका गांधी ने कांग्रेस में जान फूंक दी है
कृष्णकांत
आज जब तमाम राजनीतिक दल, कार्यकर्ता और विशेषज्ञ एग्जिट पोल के नतीजों के लिए सिर धुन रहे हैं, उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी इससे प्रभावित हुए बिना अपने अगले अभियान पर लग गईं और लखनऊ में एक लड़की हूँ लड़ सकती हूँ मार्च आयोजित किया। यह रैली अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में थी।
चुनाव से पहले भी उन्होंने महिला शक्ति पर फोकस किया, महिलाओं को 40% टिकट दिया, महिलाओं की प्रगति के मुद्दे को हर रैली में उठाया और महिलाओं के एकजुट होने का आह्वान किया। चुनाव खत्म होने के अगले ही दिन यह रैली आयोजित करके उन्होंने यह संकेत दे दिया है कि कांग्रेस अब उत्तर प्रदेश में लोकसभा की तैयारी शुरू कर चुकी है।
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की स्थिति जो भो हो, लेकिन इससे कोई इनकार नहीं कर सकता कि मृतप्राय कांग्रेस संगठन अब पूरे प्रदेश में जीवित हो उठा है और यह सिलसिला आगे तेजी से बढ़ने वाला है। विधानसभा में कांग्रेस रेस में नहीं थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में मुख्य विपक्ष और भाजपा का एकमात्र विकल्प है।
इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने लगभग तीन दशक बाद प्रदेश में फिर से अपना संगठन खड़ा कर लिया है और पंचायत स्तर तक पदाधिकारी चुने जा चुके हैं। लगभग दो दर्जन भर सीटों पर कड़ा मुकाबला पेश करने वाली कांग्रेस लोकसभा चुनाव में भाजपा की मुख्य प्रतिद्वंद्वी होगी और संसद में राहुल गांधी पर 70 मिनट खर्च करने वाले नरेन्द्र मोदी भी यह बात अच्छी तरह से जानते हैं।
खैर, विधानसभा का नतीजा जो भी होगा लेकिन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कांग्रेस में जान फूंक दी है और अगले सबसे महत्वपूर्ण रण की तैयारी भी शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को उसकी मेहनत और उसके संगठन का लाभ निश्चित ही मिलेगा।