रमज़ान के दूसरे जुमे को भी नमाज़ियों से भरी दिखाई दी नगर की मस्जिदें। उलेमाओं ने ज़कात व फितरे पर किये बयान। बाबू अंसारी स्योहारा बिजनौर। 15,04...
रमज़ान के दूसरे जुमे को भी नमाज़ियों से भरी दिखाई दी नगर की मस्जिदें। उलेमाओं ने ज़कात व फितरे पर किये बयान।
बाबू अंसारी स्योहारा बिजनौर।
15,04,2022
रमज़ान का मुबारक़ महीना चल रहा है जिसका मुसलमानों के साथ साथ बाक़ी धर्म के मानने वाले भी अहतराम (सम्मान) करते है, ये महीना रोज़े रखने के साथ साथ रब की बन्दगी करने का भी महीना है, हालांकि रब की बन्दगी तो इंसानों क अलावा फ़रिश्ते, चरन्द-परन्द, व तमाम जानदार अपने अपने तरीक़े से चौबीसों घण्टे साल के 365 दिन करते रहते है।
लेकिन रमज़ान के महीनें में ख़ास कर इंसानों को अहम इबादत करने का रब ने हुक़्म दिया है, जिसमें रात के आख़री पहर व सुबह सादिक़ यानी सूरज निकलने से कुछ लम्हें पहले से दिन के आख़री पहर शाम सूरज छुपने से पहले तक कुछ खाये पिये बगेर भूखा प्यासा रह कर रोज़ा रखना अहम है।
इसी तरह जितना ज़ियादा मुमकिन हो नमाज़ पढ़ने क़ुरआन की तिलावत करने जैसी इबादत के अलावा अपनी दौलत से गरीबों की मदद करने, जमा किये हुए मालो-दौलत की ज़कात का ढाई फ़ीसदी हिस्सा ज़रूरत मन्दो पर खर्च करने, के साथ साथ सदका ए ईद उल फितर ईद की नमाज़ से पहले पहले अदा करने का हुक़्म भी अहम है।
इसी सिलसिले में आज नगर की तमाम मस्जिदें में रमज़ान के दूसरे जुमे की नमाज़ में अल्लाह के हुजूर सज़दा करने वालों की भारी तादाद दिखाई दी, मस्जिदों के मिम्बरों से आलिम हज़रात ने रमज़ान की अहमियत इसमें अदा की जाने वाली ज़कात, व फितरे पर बयान किया और फितरे की रक़म के बारे में बताया, समझाया कि फ़ितरा माँ के पेट से जन्मे लेने वाले तुरन्त के बच्चे से हर उम्र के जिंदा मुसलमान को देना ज़रूरी है। जो बालिग है वो अपना फ़ितरा ख़ुद अदा करे जो बुजुर्ग है जिनके पास अपना फ़ितरा देने की रक़म नही है उनकी तरफ से उनके उनकी औलादें अदा करे। एक फ़ितरा अदा करने का पैमाना पाँच हिस्सो में तक़सीम किया गया है, सबसे पहले एक फितरे की अदायगी 3, किलों 150, ग्राम पनीर, जिसकी रक़म आज 1010, रुपये बनती है देकर की जा सकती है। उसके बाद 3, 150 ग्राम किलों किसमिश, या रक़म जो 900, रुपये है, तीसरे नम्बर पर 3, 150 खुजुर या छुआरा, जिसकी क़ीमत 320, रुपये होती है, चौथे नम्बर पर 3, किलों 150, ग्राम जों, जो 70, रुपये में मिलती है, और पांचवे नम्बर पर 1, किलों 640,ग्राम गेंहू जिसकी बदली आज की तारीख़ में लगभग 40, रुपये देकर अदा की जा सकती है।
नोट:-याद रखे कि सामान की क़ीमत वक्त के हिसाब से घटती बढ़ती रहती है, इसका ख्याल रखे। फितरे की अदायगी करने वाले हज़रात के लिए बेहतर ये है कि साहिबे हैसियत की ज़ानिब से किसमिश, खुजर, जों, और पनीर के बराबर की रक़म का हिसाब लगाकर फ़ितरा अदा करना चाहिए। ऐसा भी कर सकते है कि अगर घर के 5, अफ़राद का फ़ितरा निकालना हो तो एक कि तरफ़ से खुजुर का दूसरे की तरफ़ से किशमिश का तीसरे की तरफ़ से पनीर का चौथे की तरफ़ से जों का और पांचवे की तरफ़ से गेंहू की रक़म का हिसाब लगा फ़ितरा निकाले ताकि तमाम हदीस व सुन्नत पर अमल हो जाये।
इस रमज़ान फ़ितरा अदा करने वाली चीजों की क़ीमतें तक़रीबन इस तरह से है।
(1). पनीर 3, किलों 150, ग्राम-1010,रुपये
(2).किशमिश 3, किलों 150, ग्राम-900, रुपये"
(3). खुजर 3, किलों 150, ग्राम-320, रुपये"
(4). जो 3, किलो 150, ग्राम-70, रुपये"
(5).गेंहू 1, किलो 640, ग्राम-40, रुपये