बेटे ने 15 लाख रुपये की सुपारी देकर करवाई पिता की हत्या, जानिए पूरा मामला
उदयपुर संभाग के राजसमंद (Rajsamand) जिले के खमनोर थाना पुलिस ने 9 दिन पहले हुई नमकीन व्यापारी की हुई हत्या का खुलासा कर दिया है. व्यापारी की हत्या किसी और नहीं बल्कि खुद उसके बेटे ने ही बदमाशों को 15 लाख रुपये की सुपारी (Son got father murdered) देकर करवाई थी. दिल को दहला देने वाली यह सच्चाई सामने आने से एकबारगी पुलिस भी हैरान रह गई. पुलिस ने षड़यंत्रकारी बेटे सहित हत्या के दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. उनसे पूछताछ की जा रही है.
पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने बताया कि खमनोर थाना इलाके के रावों की गुडली निवासी नमकीन व्यापारी भूरसिंह डुलावत का शव 15 मई को घर के आंगन में पड़ा मिला था. उसने दो दिन पहले ही दो बेटियों की शादी कर घर से विदा किया था. केस की जांच के लिये नाथद्वारा डीएसपी छगन पुरोहित और खमनोर थानाप्रभारी नवलकिशोर के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया.
पुलिस की गहन तहकीकात में मृतक भूरसिंह डुलावत और उनके बेटे राजू सिंह के बीच लंबे समय से चल रही अनबन सामने आई. इस पर पुलिस ने राजू सिंह को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की. पूछताछ में उसने बदमाशों को 15 लाख रुपये की सुपारी देकर पिता की हत्या करवाना कबूल कर लिया. इस पर पुलिस ने राजू सिंह डुलावत के साथ हत्या के आरोपी उत्तर प्रदेश निवासी रणजीत सिंह और रामनिवास सिंह सोमवंशी को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस जांच में सामने आया कि राजू सिंह उसकी बुआ के टेम्पो की ड्राइवरी का काम करता है. राजू सिंह ने अपने पिता की हत्या की साजिश पांच माह पहले ही रच ली थी. राजू सिंह की अहमदाबाद में रणजीत से मलाकात हुई. रणजीत कोरोना काल में आर्थिक तंगी का शिकार था. इस पर राजू सिंह ने रणजीत को कहा कि वह उसके पिता की हत्या कर दे. वह उसे खूब पैसा देगा. इस पर रणजीत ने 20 लाख रुपये मांगे. लेकिन बाद में सौदा 15 लाख रुपये में तय हो गया.
सौदा तय होने के बाद राजू सिंह ने रणजीत सिंह को 44 हजार रुपये एडवांस दे दिए. राजू सिंह फिर रणजीत को लेकर 3 जनवरी 2022 को रावों की गुडली पहुंचा. वहां उसने रणजीत को घर की भौगोलिक स्थिति बताई. उसके बाद से वह मौका देख रहा था कि कब पिता अकेले गांव जाए और उसकी हत्या करवाये.
राजू सिंह के दो बहनों की 12 मई को शादी तय हो गई. इस बीच हत्या के लिए रणजीत सिंह अपने साथी रामनिवास सोमवंशी को लेकर गांव आया. लेकिन राजू सिंह ने उनको रोक दिया. पुलिस पूछताछ में राजू सिंह ने बताया कि पिताजी ने बहनों की शादी के बाद दुकान बेचने की बात कही थी. इस पर वह आवेश में आ गया. उसने बहनों की शादी के बाद पिता की हत्या करवाना तय कर लिया.
12 मई को दोनों बहनों की शादी के बाद 14 मई सुबह ही राजू सिंह ने कॉल करके रणजीत और रामनिवास को बुला लिया. घटना की रात को उसके पिता गांव के दोस्त गोपाल सिंह व जेठु सिंह के साथ घर के चौक में बैठकर शराब पी रहे थे. उसके बाद वे रात को घर के चौक में ही सो गए. वहां रणजीत और रामनिवास ने उनको गला दबाकर मौत के घाट उतार दिया.