हाई प्रोफाइल सोसाइटी में 1 करोड़ के मकान तोड़ने पहुंचा बुलडोजर, सामने लेटी महिलाएं
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक हाई प्रोफाइल सोसाइटी में जमकर हंगामा हुआ है. हंगामे की वजह बुलडोजर है. दरअसल छत्तीसगढ़ सरकार के अंग रायपुर डेवलपमेंट एथॉरिटी (आरडीए) की टीम शुक्रवार को डूंडा स्थित फ्लोरल सिटी पहुंची. टीम के साथ बुलडोजर भी था. आरडीए की टीम ने बताया कि इस सोसाइटी में 40 मकान अवैध तरीके से बने हैं, जिन्हें तोड़ने का आदेश है. मकान तोड़ने के लिए बुलडोजर आगे बढ़ने ही वाला था कि कुछ महिलाएं उसके सामने सड़क पर ही लेट गईं. इसके बाद हंगामा शुरू हो गया.
मिली जानकारी के मुताबिक सोसाइटी में कुल 120 मकान बने हैं, जिनकी कीमत 40 लाख रुपये से सवा करोड़ रुपये तक के हैं. बताया जा रहा है कि इनमें से 40 मकानों का निर्माण अवैध तरीके से कर उन्हें बेच दिया गया है. इन मकानों को 45 लाख से 1 करोड़ रुपये तक में हितग्राहियों ने पिछले 10 सालों में खरीदा है. शुक्रवार को कॉलोनी में जबरदस्त हंगामा हुआ. हितग्राहियों का कहना है कि बगैर किसी नोटिस के ही आरडीए की टीम मकान तोड़ने पहुंच गई थी. हालांकि बिल्डर ने बताया कि आरडीए की ओर से पहले नोटिस जारी किया गया था.
सूत्रों के मुताबिक फ्लोरल सिटी की निर्माण कंपनी अलास्का इंफ्रास्ट्रक्चर के संचालकों को आरडीए की ओर से नोटिस जारी किया गया था. मिली जानकारी के मुताबिक बिल्डर के नाम हरपाल सिंह अरोड़ा, प्रीतपाल सिंह बिंद्रा, हरजीत छाबड़ा हैं. रायपुर की सबसे महंगी हाउसिंग सोसायटी में से एक अमलीडीह लॉस विस्टा प्रोजेक्ट भी इन्हीं बिल्डर ने डेवलप किया है.
हितग्राही अजय त्रिपाठी ने बताया कि करीब 10 साल पहले उन्होंने फ्लोरल सोसायटी में 3 बीएचके मकान 80 लाख रुपयों में खरीदा था. माला प्रसाद ने बताया कि उन्होंने 75 लाख रुपये में मकान खरीदा था. मकान खरीदने के लिए बकायादा बैंक ने लोन भी दिया है. लेकिन अब पता चल रहा है कि मकान अवैध तरीके से बने हैं. बता दें कि आज स्थानीय तहसीलदार के साथ आरडीए की टीम बुलडोजर लेकर पहुंची थी, लेकिन महिलाओं के विरोध के बाद टीम वापस लौट गई.