ग्रामीणों ने कांग्रेस MLA गणेश घोघरा और SDM समेत 22 कर्मचारियों को बनाया बंधक, जानें मामला
राजस्थान के आदिवासी बाहुल्य डूंगरपुर जिले में एसडीएम समेत 22 सरकारी कर्मचारियों को बंधक बनाने के मामले में कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा (Congress MLA Ganesh Ghoghra) समेत 60 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. यह मामला डूंगरपुर पंचायत समिति की ग्राम पंचायत सुरपुर से जुड़ा हुआ है.
यहां ‘प्रशासन गांव के संग अभियान’ के फॉलोअप शिविर में आए उपखंड अधिकारी सहित 22 कार्मिकों को नाराज ग्रामीणों ने मंगलवार को ग्राम पंचायत भवन में बंद (Hostage) कर ताला लगा दिया था. बाद में डूंगरपुर विधायक एवं यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश घोघरा भी ग्रामीणों के समर्थन में पंचायत भवन के बाहर धरने पर बैठ गए थे.
पंचायत भवन में मंगलवार दोपहर को बाद करीब 2 घंटे तक हंगामा चलता रहा. उसके बाद डूंगरपुर से अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजीव द्विवेदी और एडिशनल एसपी अनिल मीणा सहित पुलिस अधिकारी एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे. उन्होंने वहां विधायक गणेश घोघरा से समझाइश की. करीब दो घंटे तक चली समझाइश के बाद ग्रामीणों ने अधिकारियों और कर्मचारियों को छोड़ा. विधायक समेत अन्य लोगों के खिलाफ राजकार्य में बाधा समेत अन्य धाराओं में यह मामला डूंगरपुर तहसीलदार ने सदर थाने में दर्ज कराया है.
विधायक गणेश घोघरा ने कहा कि प्रशासन गांवों के संग शिविर के तहत गत वर्ष अक्टूबर में सुरपुर गांव के सैकड़ों लोगों ने पट्टों के लिए आवेदन किया था. लेकिन कोरोना के कारण शिविर स्थगित हो गए थे. पंचायत में मंगलवार को लगाए गए फॉलोअप शिविर से ग्रामीणों को बड़ी उम्मीद थी कि उन्हें पट्टे मिल जाएंगे. लेकिन अधिकारी और कर्मचारी उनको दिनभर टालते रहे. बाद में शाम 4 बजे पट्टे देने से मना कर दिया. इसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने एसडीएम मणिलाल तिरगर सहित विभिन्न विभागों के 22 कार्मिकों को पंचायत भवन में बंद कर बाहर से ताला लगा दिया.
ग्रामीणों ने मामले इसकी सूचना विधायक को दी. इस पर वे मौके पर पहुंचे. विधायक ने पट्टे जारी नहीं करने के मामले में जानकारी ली. इसके बाद विधायक गणेश घोघरा पट्टों पर साइन नहीं करने तक पंचायत भवन का ताला नहीं खोलने पर अड़ गए. विधायक ने आरोप लगाया कि कुछ अधिकारी सरकार की योजनाओं को फेल करने में लगे हुए हैं.
करीब 2 घंटे की समझाइश के बाद अधिकारियों और विधायक के बीच सहमति बनी कि 3 दिन बाद गांव में फिर से फॉलोअप शिविर लगाकर ग्रामीणों को पट्टे वितरित कर दिए जाएंगे. इसके बाद पंचायत का ताला खोला गया और एक-एक करके अधिकारी तथा कर्मचारी पंचायत भवन से बाहर निकले. डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा इससे पहले भी दो बार अपनी ही सरकार में अधिकारियों से परेशान होकर सरकारी कार्यालयों के बाहर धरना दे चुके हैं.