आज क्यों नहीं पूछते कि 24 कैरेट के शुद्ध हिंदू की सरकार होते हुए हिंदुओं पर जुल्म क्यों हो रहे हैं?
कृष्णकांत
कितनी विचित्र बात है कि कश्मीरी पंडित 20 दिन तक प्रदर्शन करते रहे और हार कर घाटी छोड़ रहे हैं। 8 साल से कश्मीर मसले पर उन्माद फैलाकर वोट लेने वाले और कश्मीर के नाम पर नफरत बेचकर पैसा बटोरने वाले सब चुप हैं। यहां तक कि वो सामान्य कार्रवाई भी नहीं होती दिखी जो आम तौर पर कानून-व्यवस्था बिगड़ने पर होती है।
संघ परिवारी 100 साल से कश्मीर पर बहुत ज्ञान देते फिरते थे। जब पहली बार सत्ता में आये तो कश्मीर में नरसंहार हुए और पंडितों को घाटी से भगाया गया। 30 साल बाद फिर सत्ता में हैं और फिर से वही हत्याएं और पलायन देखने को मिल रहा है। यूपीए सरकार ने सभी पक्षों से बातचीत करके वहां ट्रांजिट कैम्प बनवाये थे जिनमें हजारों की संख्या में पंडित परिवार रहते थे। आज मोदीराज में भाग रहे हैं।
वहां मुसलमान और सिख भी मारे जा रहे हैं लेकिन मैं सिर्फ पंडितों की बात कर रहा हूं क्योंकि पिछले आठ सालों में पंडितों को लेकर बहुत चरस बोया गया है। पंडितों पर हुए अन्याय का बहाना लेकर पूरे कश्मीर को जेलखाना बना दिया गया। जिसने भी कहा कि यह कोई उपाय नहीं हो सकता, उसे गाली पड़ी। गालियां देने वाले आज क्यों नहीं पूछते कि 24 कैरेट के शुद्ध हिंदू की सरकार होते हुए हिंदुओं पर जुल्म क्यों हो रहे हैं?
ना आप पूछेंगे, ना वे कुछ जवाब देंगे। सारे उन्माद, नफरत और घृणास्पद अभियानों का मकसद सिर्फ ध्रुवीकरण था। ना उनको पंडितों का भला करना था, ना आपका भला करना है। उन्हें मुसलमानों के खिलाफ हिंदुओं को गोलबंद करके वोट लेना है और सत्ता सुख भोगना है।
संघ-भाजपा के समर्थक अब भी मानते हैं कि वे हिंदुओं के हितों की रक्षा करेंगे। याद रखिये, पिछली एक सदी में महात्मा गांधी से महान कोई हिंदू नहीं हुआ। जो गांधी के नहीं हुए, वे हमारे आपके क्या होंगे?