बुजुर्ग महिलाओं के साथ दिल्ली पुलिस ने की मारपीट की और दीं गंदी जातिसूचक गालियां
रोहिणी/ दिल्ली। दिल्ली पुलिस के कई बड़े अधिकारियों के खिलाफ पुलिस कमिश्नर को एससी/ एसटी एक्ट सहित महिला अपराध के तहत गंभीर प्रकृति की शिकायत की गई है। ऐसे में इन सभी पुलिस अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। रोहिणी के सेक्टर 7 के गांव नाहरपुर की वृद्ध महिलाओं ने यह शिकायत की है। जिसमें रोहिणी के डीसीपी प्रणव तयाल साहित सेक्टर 7 थाने एसएचओ भूपेश कुमार, रोहिणी के एसीपी विपिन भाटिया, एसीपी प्रशांत विहार आरती शर्मा, एडिशनल डीसीपी-। रोहिणी बिस्मा काजी और अन्य 20 से 25 नाम नामालूम पुलिसकर्मियों के खिलाफ यह शिकायत की गई है और एफआईआर दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की गई है।
नाहरपुर निवासी 73 वर्षीय बुजुर्ग महिला दयावती ने आरोप लगाया है कि 8 मई की सुबह प्रातः 4 बजे पुलिसकर्मी उनके घर के बाहर से उस समय जबरन उठा ले गए जब वे पड़ोस में शादी होने की वजह से गीत कार्यक्रम के बाद मॉर्निंग वॉक करके अपने घर की तरफ जा रही थी। दयावती ने पुलिस आयुक्त को दी शिकायत में कहा है कि उसके समेत 6 महिलाओं 64 वर्षीय कमला देवी, 44 वर्षीय भागवंती देवी, 73 वर्षीय बीरमति, 69 वर्षीय सुमित्रा और 51 वर्षीय राजरानी को 20 से 25 पुरुष पुलिसकर्मियों ने हाथ-पैर पकड़कर जबरन उठा लिया और बस में डाल लिया। कई घंटे तो पुलिस दिल्ली की सड़कों पर महिलाओं को बस में घुमाती रही।
बस में पुलिसकर्मियों ने महिलाओं के साथ मारपीट की और गंदी जातिसूचक गालियां दी। विरोध करने पर महिलाओं को जान से मारने की धमकी भी दी गई। बस में मौजूद पुलिसकर्मियों ने कहा कि हम तुम्हें एसएचओ, एसीपी और डीसीपी के आदेश पर उठाकर लाए हैं। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने अभद्र टिप्पणी भी की और कहा कि इन बूढ़ी औरतों को क्यों उठा लाए इनकी जवान बेटियों को लेकर आओ। दिल्ली पुलिस पर इन गंभीर आरोपों से पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। पुलिस आयुक्त ने शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं।
गौरतलब है कि 8 मई की सुबह नाहरपुर में अम्बेडकर पार्क को डीडीए द्वारा ध्वस्त कर दिया था और वहां लगी संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ० भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा को भी बलपूर्वक हटा दिया था। उससे पहले की गई पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ अब महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया है।
कानूनों के अनुसार सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद किसी भी महिला को हिरासत में नहीं लिया जा सकता या गिरफ्तार भी नहीं किया जा सकता। अपनी इस कार्रवाई से पुलिस अधिकारी खुद ही फंसते नजर आ रहे हैं। मामला एससी/ एसटी एक्ट से जुड़ा हुआ है ऐसे में एफआईआर दर्ज करना जरूरी भी हो गया है। डीडीए द्वारा की गई कार्रवाई के बाद भीम सेना चीफ नवाब सतपाल तंवर सहित दर्जनों भीम सैनिकों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था। तब के बाद से दलित समाज में बेहद रोष व्याप्त है।
अम्बेडकर पार्क और प्रतिमा तोड़े जाने के विरोध में और भीम सेना चीफ नवाब सतपाल तंवर की गिरफ्तारी के विरोध में 22 मई को जंतर-मंतर पर होने वाले धरना-प्रदर्शन पर दिल्ली पुलिस पहले ही रोक लगा चुकी है। मामला अब थमने का नाम नहीं ले रहा है। नाहरपुर निवासी बुजुर्ग महिलाओं की इस शिकायत पर दिल्ली पुलिस की मुश्किलें बढ़ती तय हैं। वहीं नाहरपुर निवासी और दिल्ली पुलिस आमने-सामने आ गए हैं।