कौन है घनश्याम लोधी?, जिसने ढहा दिया आजम खान का किला
यूपी के रामपुर लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार घनश्याम लोधी ने बड़ी जीत हासिल की है, उन्होने सपा उम्मीदवार आसिम रजा को करीब 42 हजार वोटों से हराया, इसके साथ ही वो पहली बार सांसद बने हैं, रामपुर से आजम खान ने अपने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद 23 जून को उपचुनाव के लिये वोट डाले गये, ये सीट काफी अहम मानी जा रही थी, क्योंकि ये सपा के चर्चित नेता आजम खान की सीट थी, यही वजह है कि बीजेपी ने आजम के ही कभी करीबी रहे घनश्याम लोधी को टिकट दिया था।
जहां तक घनश्याम लोधी के राजनीतिक सफर की बात है, तो 1992 से 1998 तक बीजेपी युवा विंग के जिलाध्यक्ष रहे, 1999 में उन्होने बीजेपी छोड़ दी, और बसपा में शामिल हो गये, इसके बाद 2004 में फिर बसपा छोड़ दी, राष्ट्रीय क्रांति दल में शामिल हो गये, 2009 में फिर से बसपा में शामिल हो गये। इसके बाद 2010 में सपा की सदस्यता ली, जनवरी 2022 में वो अपनी सबसे पुरानी पार्टी बीजेपी में दोबारा शामिल हो गये।
घनश्याम लोधी दो बार विधान परिषद सदस्य रह चुके हैं, सबसे पहले वो सपा के समर्थन से कल्याण सिंह की पार्टी राष्ट्रीय क्रांति पार्टी के टिकट पर रामपुर-बरेली स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र से 2004 में एमएलसी बने थे, इसके बाद इसी क्षेत्र से 2016 में सपा के टिकट पर एमएलसी बने, 2016 में आजम की वजह से ही सपा ने धनश्याम लोधी को एमएलसी चुनाव लड़वाया था।
सियासत में रामपुर की सीट हमेशा से चर्चा में रही है, समाजवादी पार्टी नेता आजम खान के लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद रामपुर संसदीय सीट खाली हो गई थी, आजादी के बाद रामपुर में ऐसा पहली बार हुआ है, जब जहां लोकसभा सीट के लिये उपचुनाव हुआ है।