आजम खान बोले- इस चुनाव से हुकूमत भले न बदले, हमें अपने अस्तित्व की रक्षा करनी है
लोकसभा उपचुनाव में सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव के प्रचार के लिए गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र के नसीरपुर में आजम खान ने जनसभा की. उन्होंने इस दौरान भाजपा पर जमकर हमला बोला. जेल में हुई ज्यादतियों पर अपना दर्द भी बयां किया. उन्होंने दावा किया कि जेल में उन्हें एड़ियां रगड़ने के लिए मजबूर किया गया, ताकी वे आत्महत्या कर लें या फिर सरकार के सामने घुटनें टेक दें, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. आजम खान ने कहा कि रामपुर या आजमगढ़ में चुनाव जीतने से हुकमत नहीं बदलने वाली है, लेकिन हमें अपने अस्तित्व की रक्षा करनी है.
भीषण धूप और गर्मी के बीच जनसभा को संबोधित करते हुए सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान ने अपने करीब 50 मिनट के संबोधन में भाजपा सरकार पर हमला बोलने का कोई मौका नहीं छोड़ा. उन्होंने कहा कि जेल में जो जुल्म मेरे साथ हुआ, उसे याद रखा जाएगा. हम 27 महीने तक जेल में रहे. हमें एड़ियां रगड़ने या माथा टेक देने को मजबूर किया गया, पर हमने ऐसा नहीं किया. मैं अपनी तकलीफ का जिक्र करने नहीं आया हूं. आपसे कहने आया हूं कि लम्हों ने खता की थी, सदियों ने सजा पाई. इस चुनाव से हुकूमत नहीं बदलेगी, लेकिन मुल्क को एहसास हो जाएगा कि हम किस तरह विश्वगुरु बनेंगे.
उन्होंने कहा कि हम पर कैसे-कैसे चोरी के इल्जाम लगे. मेरा गुनाह यही कि हम मुसलमान हैं. मेरे दामन पर कोई दाग नहीं है. मैं 27 महीने की तन्हाई काटकर आया हूं. वह इसलिए कि हुक्मरानों पर कत्ल का इल्जाम न आए और हम मर जाएं. सीतापुर जेल में लोग खुदकुशी करते हैं, इसलिए हमें सीतापुर जेल में रखा गया. मैं कल भी जिंदा था, आज भी हूं और कल भी रहूंगा. पांच महीने गंभीर बीमारी के बाद मुझे मर जाना चाहिए था, लेकिन मैं न मरा, न पागल बना. आज आपके सामने हूं.
आजम खान ने कहा कि लोग सोचते थे मैं जेल से निकलने के बाद मैं कोई बड़ा इंकलाबी फैसला लूंगा, लेकिन आपसे पूछता हूं कि इस कैफियत में कौन से इंकलाबी फैसला लिया जाय. पहले मुत्तहिद होकर दिखाओ फिर इंकलाबी फैसला लो. मैं आपके इत्तेहाद के लिए आया हूं. ऐसा इत्तेहाद नहीं जिससे किसी की परेशानी हो.