फतेहपुर पुलिस की दहशत से इस गांव में नहीं आ रही बरात, पलायन कर हो रही बहन-बेटियों की शादी
यूपी के फतेहपुर जिले में थरियांव थाना क्षेत्र के मीरपुर गांव में 22 मई को गांजा तस्कर को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हुए हमले के मामले में अब एक नया मोड़ सामने आया है. आरोप है कि पुलिस ने हमलावरों को पकड़ने के साथ-साथ अब ग्रामीणों को भी परेशान कर रही है.
पुलिस ने गांव में कुछ इस कदर दबिश डालकर दहशत फैलाया कि इसका सीधा असर अब बेकसूर परिवारों पर पड़ रहा है. गांव में जिन बहन-बेटियों की शादी होनी है, अब लकड़ा पक्ष बारात लाने से ही साफ मना कर रहा है. उन्हें इस बात का है भय है कि अगर वह बारात लेकर गांव पहुंचे तो कहीं पुलिस उन्हें न गिरफ्तार कर ले. ऐसे में लोग गांव से पलायन कर दूसरे गांव में या फिर अपने नाथ रिश्तेदारों के यहां से बहन-बेटियों की शादी करने को मजबूर हो रहें है.
ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस शक के आधार पर लगातार छापेमारी कर दहशत का माहौल बना रही है. वहीं पुलिस की मनमानी कार्रवाई से तंग आकर ग्रामीण शादी का कार्ड लेकर आमरण अनशन पर बैठ गए. आमरण अनशन की जानकारी के बाद सदर एसडीएम मौके पर पहुंचे और उन्होंने अनशन पर बैठे ग्रामीणों की शिकायत सुनी. एसडीएम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएम और एसपी से बात कर पुलिस की मनमानी कार्रवाई पर अंकुश लगाने की बात कही है. उन्होंने ग्रामीणों को इस बात का भरोसा जताया है कि जो बेकसूर है पुलिस उन्हें कत्तई नहीं परेशान करेगी. वह बेफिक्र होकर अपने बहन-बेटियों की शादी करें.
बता दें कि 22 मई को मीरपुर गांव में थाना प्रभारी अखिलेश प्रताप सिंह पुलिस बल के साथ गांजा तस्कर राजीव सिंह उर्फ मुंन्ना को पकड़ने गए थे. पुलिस ने घर से जैसे ही 5 किलो गांजा के साथ तस्कर राजीव सिंह उर्फ मुन्ना को गिरफ्तार किया वैसे ही उसका हिस्ट्रीशीटर भाई, परिजन और कुछ ग्रामीणों के साथ लाठी-डंडे और ईट पत्थर से पुलिस टीम पर हमलाकर गांजा तस्कर को छुड़ा लिया।
इस हमले में थाना प्रभारी अखिलेश प्रताप सिंह, महिला कांस्टेबल प्रीति वर्मा सहित तीन पुलिस कर्मी घायल हुए थे. इस मामले में दो अलग-अलग केस दर्ज किया गया था. पहला केस गांजा तस्कर के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट का दर्ज किया गया था. जबकि दूसरा केस पुलिस पर हमला करने के मामले में 16 नामजद और 50 अज्ञात के खिलाफ दर्ज किया गया था. जिसमे पुलिस आरोपियों को अरेस्ट करने के लिए गांव में फिर से दबिश डाली थी और 22 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया था.