देवी मां को प्रसन्न करने लड़की ने चढ़ाई जीभ, गांववालों ने शुरू किया पूजा-पाठ
इसें आस्था कहें या अंधविश्वास! मध्य प्रदेश के सीधी जिले के गांव बघौड़ी में एक युवती ने मंदिर में पूजा करते-करते अपनी जीभ देवी मां को समर्पित कर दी. युवती की हालत गम्भीर है. इस घटना के बाद ग्रामीणों ने मंदिर के बाहर पूजा-पाठ शुरू कर दिया है. वे देवी मां को मनाने में जुट गए हैं. मामला सीधी जिले के सिहावल विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत बड़ागांव का है. इस घटना ने गांव में सनसनी फैला दी. स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंची. लेकिन, ग्रामीणों की आस्था को देखते हुए कोई कदम नहीं उठा सकी.
जानकारी के मुताबिक, युवती का नाम राजकुमारी है. वह पूजा करने अपनी मां के साथ मंदिर गई थी. उसने जीभ काटी, मां को चढ़ाई और वहीं लेट गई. बेटी की इस हरकत को देख मां हैरान रह गई. उसके हाथ-पांव फूल गए. मां ने आनन-फानन में परिवार को इस घटना की सूचना दी. इसके बाद तो पूरा गांव मंदिर के बाहर जुट गया. सभी ने वहीं मंदिर के बाहर डेरा डाल दिया और पूजा-पाठ शुरू कर दिया. दूसरी ओर, यह खबर पता चलते ही स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत एक टीम को गांव भेजा. स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ-साथ पुलिस भी मौके पर पहुंची. हालांकि, लेकिन ग्रामीणों की आस्था के सामने प्रशासन कुछ भी नहीं कर सका.
इधर, मौके पर पहुंचे डॉक्टर ने युवती का स्वास्थ्य परीक्षण किया. उन्होंने परिवार को बताया कि राजकुमारी की हालत गंभीर है, लेकिन वह जल्द स्वस्थ हो जाएगी. परिवार को उम्मीद है कि मां के पूजा-पाठ से राजकुमारी की जीभ वापस आ जाएगी. इस मौके पर मौजूद ग्रामीणों का कहना है कि हम लोगों की आस्था मां पर है. हमें मां पर पूरा विश्वास है कि युवती की मनोकामना पूरी होगी. जब युवती के घरवालों से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बेटी ने इसका अंदाजा भी नहीं लगने दिया कि वह इस तरह का कोई कदम उठाएगी. उसने अचानक जीभ काटकर मां को समर्पित कर दी.
युवती के पिता लालमणि पटेल ने कहा कि मुझे इस घटना की जानकारी नहीं थी. गांववालों ने बताया तब मुझे पता चला. सभी ने पूजा-पाठ शुरू कर दिया है. माता रानी की जब कृपा होगी, तब बेटी स्वस्थ हो जाएगी. बहरहाल, मंदिर में पूजा पाठ और मन्नतों का दौर चल रहा है. ऐसे में देखना यह होगा कि ग्रामीणों की आस्था क्या कुछ रंग लाती है. युवती अभी भी गंभीर हालत में मंदिर प्रांगण में ही है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह का निर्णय जानलेवा हो सकता है.