सत्ता में बैठे RSS के लोग कह रहे हैं कि वे तिरंगे को बदल देंगे, तिरंगे की जगह भगवा फहराएंगे
कृष्णकांत
ये विंग कमांडर विक्रांत उनियाल हैं। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर इन्होंने माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया और राष्ट्रगान गाया।
इनकी तरह लाखों सेना के जवान इस तिरंगे पर न सिर्फ गर्व करते हैं, बल्कि इसके लिए अपनी जान तक दे देते हैं। कई बार इसकी रक्षा के लिए उन्हें शहादत देनी पड़ती है। शहीदों के शव इसी तिरंगे में लिपटकर आते हैं तो माता पिता, बेवा पत्नियां और अनाथ बच्चे फफकते हुए कहते हैं- हमें गर्व है।
यह तिरंगा हमारी राष्ट्रीय संप्रभुता का प्रतीक है। यह करोड़ों भारतीयों को प्यारा है। यह सिर्फ कपड़े का टुकड़ा भर नहीं है, यह हमारी आशाओं, आकांक्षाओं, उम्मीदों का प्रतीक है। यह हमारी विविधता, हमारी समरसता, हमारी समृद्धि का प्रतीक है। यह हमारे स्वतंत्रता आंदोलन की विरासत है। यह हमारी अखंडता और हमारी राष्ट्रीय गरिमा का प्रतीक है।
इस देश की सत्ता में बैठे आरएसएस के लोग कह रहे हैं कि वे तिरंगे को बदल देंगे। तिरंगे की जगह भगवा फहराएंगे। दुश्मनों के आगे जिस तिरंगे को फहराते रहने के लिए लाखों भारतीयों ने इसे अपने खून से सींचा है, उस पवित्र कुर्बानी पर कुछ नफरत के कारोबारी अपने दिमाग की गंदगी लीपने की योजना बना रहे हैं। यह भारत की अस्मिता पर हमला है। यह भारत माता की आत्मा में खंजर घोंपना है।
यह देश आपका है। यह मातृभूमि आपकी है। यह लोकतंत्र आपका है। इसे आपने बनाया है। देख लीजिए, क्या करना है!