आरोपी हिरासत में था तो कैसे दर्ज किया गो तस्करी का केस, हाईकोर्ट ने SSP और इंस्पेक्टर को किया तलब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गो तस्करी के एक मामले प्रयागराज पुलिस को जमकर फटकार लगाई. साथ ही एसएसपी प्रयागराज और नवाबगंज इंस्पेक्टर को तलब किया है. दरअसल एक व्यक्ति ने ईमेल के जरिए हाईकोर्ट में शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसका बेटा पुलिस हिरासत में था और इसी दौरान उस पर गो तस्करी का केस लगा दिया गया. हाईकोर्ट ने ईमेल को ही अर्जी मानते हुए मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने पूछा है कि जब आरोपी पुलिस की ही हिरासत में था तो वो उस समय गो तस्करी कैसे कर सकता है.
जानकारी के अनुसार पुलिस ने 19 मई को आरोपी मोहम्मद अशरफ के खिलाफ गो तस्करी का केस दर्ज कर उसे जेल भेज दिया था. अशरफ के पिता मोहम्मद यूसुफ ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को ई-मेल कर पुलिस पर बेटे मोहम्मद अशरफ को गो तस्करी के झूठे मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाया.
उसने कोर्ट को बताया कि उसके बेटे को नवाबगंज पुलिस ने गत 17 मई को गिरफ्तार किया था. दो दिन उसे थाने में रखा गया और 19 मई को उसके खिलाफ गो तस्करी का केस दर्ज कर जेल भेज दिया गया. पिता ने सवाल किया था कि जब उनका बेटा दो दिन से थाने में पुलिस की हिरासत में था तो वह गो तस्करी कैसे कर सकता है?
चीफ जस्टिस राजेश बिंदल ने मेल को ही जनहित याचिका मानते हुए मामले को खंडपीठ के समक्ष भेज दिया. खंडपीठ ने 30 मई को मोहम्मद अशरफ को हाजिर करने का निर्देश दिया. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एसएसपी प्रयागराज व नवाबगंज इंस्पेक्टर को भी तलब किया था.
कोर्ट ने प्रयागराज पुलिस के कृत्य पर नाराजगी जताई और नवाबगंज इंस्पेक्टर व एसएसपी को फटकार लगाई. साथ ही नवाबगंज इंस्पेक्टर और एसएसपी को तीन सप्ताह में व्यक्तिगत हलफनामा देने का आदेश दिया और गो तस्करी के आरोप में गिरफ्तार मोहम्मद अशरफ को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया.