इस गांव ने चुना ऐसा सरपंच, जिसकी मतदान से 10 दिन पहले हुई मौत
मध्य प्रदेश के सागर जिले से अजीबो-गरीब खबर है. यहां पंचायत चुनाव में एक ऐसे प्रत्याशी की जीत हुई है, जिनकी वोटिंग से दस दिन पहले ही मौत हो गई. ये घटना जिले के देवरी ब्लॉक की कंजेरा पंचायत की है. ग्रामीणों को उनके निधन की जानकारी थी, लेकिन न उन्होंने और न ही घरवालों ने निर्वाचन अधिकारियों को इसकी जानकारी दी. ग्रामीणों ने सहानुभूति के चलते उन्हें वोट दिए और उन्हें चुनाव जिताकर सरपंच बना दिया. सिंह के निधन के बाद अब निर्वाचन अधिकारी कानून के मुताबिक कार्रवाई करेंगे.
जानकारी के मुताबिक, कंजेरा गांव के रविंद्र सिंह सरपंच पद पर चुनाव लड़ रहे थे. उनकी 22 जून को दिल की धड़कन रुकने से मौत हो गई. निधन के बाद उनका परिवार शोक में डूब गया. न घरवालों ने और न ही ग्रामीणों ने निर्वाचन अधिकारियों को प्रत्याशी के निधन की कोई सूचना दी. इस वजह से मतपत्र से उनका नाम नहीं हट सका. एक जुलाई को पंचायत में मतदान हुआ तो ग्रामीणों ने सहानुभूति के तौर पर स्वर्गीय रविंद्र सिंह के पक्ष में मतदान कर दिया और उन्हें 255 वोट से जिता दिया. ग्रामीणों ने उन्हें अपना सरपंच चुन लिया.
बता दें, यहाँ रविन्द्र सिंह को 1043 में से 512 वोट मिले. दूसरे स्थान पर चंद्रभान उर्फ चंदन अहिरवार रहे. उन्हें 257 वोट मिले. स्व. रविन्द्र सिंह ने 255 वोट से चुनाव जीत लिया. सिंह इसके पहले भी इसी पंचायत से सरपंच रह चुके थे. अभी चुनाव परिणामों की रिटर्निंग ऑफिसर के माध्यम से विधिवत घोषणा नहीं हुई है. आयोग से जो निर्देश मिलेंगे, आगे उस हिसाब से कार्रवाई की जाएगी.
गौरतलब है कि 1 जुलाई को मध्य प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरा चरण का मतदान हुआ. दूसरे चरण में प्रदेश में कुल 74 फीसदी मतदान हुआ. इस बार भी पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने मतदान में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. भिंड में मतदान में खलल के कारण दो मतदान केंद्रों पर 3 जुलाई को फिर से वोट डाले जाएंगे. मध्यप्र देश के 47 जिलों में मतदान सुबह 7 बजे शुरू हुआ और दोपहर तीन बजे खत्म हुआ. इस दौरान महिलाओं का मतदान प्रतिशत 76 रहा. जबकि सिर्फ 72% पुरुषों ने वोट डाले. पुरुषों के मुकाबले 4 फीसदी ज्यादा महिलाओं ने मतदान किया. भिंड जिले के दो मतदान केंद्रों में 3 जुलाई को पुनर्मतदान कराया जाएगा.