बिना चेहरा देखे किया प्यार, अपनों ने ले ली प्रेमी की जान, अब प्रेमी के घर विधवा बनकर रह रही युवती
सोशल मीडिया पर बिहार की एक लव स्टोरी खूब चर्चा बटोर रहा है, ये अररिया जिले की कहानी है, एक लड़की दो साल से बिना मिले जिस लड़के से प्यार करती थी, उसे उसके परिजनों ने धोखे से बुलाकर हत्या कर दी, हत्या के 11 दिन बाद वो विधवा की तरह लड़के के घर में रह रही है, उसके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा, वो बात करते-करते अचानक बेहोश हो जाती है, युवती कहती है कि अब यही उसका ससुराल है, लड़के के मां-पार उसे अपना बेटा मानते हैं, आइये पूरी लव स्टोरी आपको बताते हैं।
ये मामला अररिया जिले के रानीगंज थाना क्षेत्र के खरसायी पंचायत स्थित बड़ौवा गांव का है, जहां धीरेन्द्र यादव की 19 साल की बेटी आरती के पास रहरिया गांव के छोटू यादव (20 साल) का फोन आया, दोनों के गांव के बीच 35 किमी की दूरी है, रांग नंबर से आये फोन से दोनों की बातें होने लगी, धीरे-धीरे दोस्ती प्यार में तब्दील हो गई, बात शादी तक पहुंच गई, लेकिन दोनों कभी मिले नहीं थे। बस फोन पर बातें करते थे।
आरती ने बताया कि उनके परिजनों को इस रिश्ते के बारे में पता चला, उन्होने 5 जुलाई को कहा कि दोनों की शादी करा देंगे, तुम छोटू को बुलाओ, इस पर आरती ने फोन कर छोटू को अपने घर बुला लिया, जिसके बाद छोटू को उनके भाई कमरे में बंद कर पीटने लगे, वो चिल्लाने लगी, तो उसे दूसरे कमरे में बंद कर दिया। 6 जुलाई की सुबह पंचायत बैठी, दोनों की शादी कराने की बात कही गई, लेकिन आरती के जीजा तैयार नहीं हुए, दोनों को मारने की बात कही, बाद में पिता, भाई और जीजा ने मिलकर छोटू की जान ले ली, लेकिन आरती ने भी हार नहीं मानी। वो छोटू के शव के पीछे-पीछे अस्पताल पहुंच गई, आरती ने लोगों को बताया कि उनके परिजनों ने छोटू की हत्या की है, इसके बाद पुलिस ने आरती के पिता और भाई को गिरफ्तार कर लिया, जबकि जीजा अभी फरार है।
आरती को गहरा सदमा लगा, वो 5 दिन अस्पताल में भर्ती रही, इलाज छोटू के पिता उमेश यादव ने कराई, अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद वो सीधे छोटू के घर जा पहुंची, अब आरती छोटू के माता-पिता का सहारा बन गई है, उन्हीं के साथ रह रही है, छोटू के दो और भाई हैं। छोटू के पिता उमेश यादव और मां विमला देवी ने कहा कि मेरे बेटे को आरती के घर वालों ने मार दिया, अब आपती ही मेरा बेटा है और जीने की आस भी, आरती अब मेरे घर रहरिया में ही रहेगी, वो अपने परिजनों के पास लौटना नहीं चाहती है।