मुफ्त रिचार्ज का लालच बना मुसीबत, बिना पुष्टि हो गई सिम पोर्ट
मारहरा (एटा)। उपभोक्ता बढ़ाने के लिए टेलीकॉम कंपनियां उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी कर रही हैं। बिना किसी वेरिफिकेशन के सिम के पोर्ट हो जाने का एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है जिसने लोगों के होश उड़ दिए हैं। बिना वेरिफिकेशन के सिम पोर्ट हो जाने के मामले में उपभोक्ता फोरम में याचिका दायर भी की गई है।
आपको बता दें कि मारहरा के मोहल्ला कंबोह निवासी अमन पठान ने बताया कि उनकी पत्नी की जियो सिम अचानक बंद हो गई तो वह जियो कंपनी के स्थानीय डिस्ट्रीब्यूटर के पास पहुंचे तो उन्हें सिम के पोर्ट हो जाने की जानकारी प्राप्त हुई। साथ ही उन्हें यह भी ज्ञात हुआ कि अब वह मोबाइल नंबर उनकी पत्नी के नाम पर नही है बल्कि किसी दूसरे व्यक्ति के नाम पर एक्टिवेट हो चुका है। जिस कारण वह खासे मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं क्योंकि वह मोबाइल नंबर उनकी पत्नी के बैंक अकाउंट के साथ सोशल मीडिया के तमाम अकाउंट से लिंक है। अब वह चाहकर भी इस समस्या का समाधान नहीं खोज पा रहे हैं। इसी को लेकर उन्होंने जियो और वी टेलीकॉम कंपनी के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में याचिका दायर की है।
बिना वेरिफिकेशन कैसे हो गई सिम पोर्ट
बिना वेरिफिकेशन के सिम पोर्ट हो जाने के मामले में अमन पठान ने बताया कि कुछ दिन पहले उनकी पत्नी के नम्बर पर रिचार्ज एक्सपायर हो गया था। इसी दौरान एक अंजान नम्बर से कॉल आई। कॉल करने वाले व्यक्ति ने रिचार्ज एक्सपायर हो जाने का हवाला देते हुए होली ऑफर के तहत मुफ्त रिचार्ज की जानकारी दी। मुफ्त रिचार्ज के लिए उस व्यक्ति ने एक OTP भेजा। उस OTP को प्राप्त करने के बाद उस अंजान व्यक्ति ने रिचार्ज कर दिया लेकिन कुछ दिन के बाद बिना किसी वेरिफिकेशन के सिम पोर्ट हो गई।
बिना वेरिफिकेशन के सिम हो सकती है पोर्ट
इस घटना की सत्यता जानने के लिए हमारे संवाददाता ने स्थानीय सिम विक्रेताओं से बातचीत की तो पता चला कि ट्राई के लचर नियमों के चलते बिना किसी वेरिफिकेशन के सिम पोर्ट हो जाती है। सिम पोर्ट करने के लिए KYC की नही बल्कि एक OTP की जरूरत होती है। सिम उपभोक्ता की अनुमति हो या न हो बस OTP होना चाहिए। इस नियम के तहत कोई भी व्यक्ति किसी भी व्यक्ति की सिम को अपने आधार कार्ड से पोर्ट करा सकता है। सिम पोर्ट हो जाने के बाद उस सिम पर उसी व्यक्ति का मालिकाना हक होगा जिसने अपने आधार कार्ड से सिम को पोर्ट कराया है।